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Ikkis Final Trailer: फाइनल ट्रेलर में छा गए सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल बने अगस्त्य नंदा, धर्मेंद्र की आखिरी लाइन कर देगी आंखें नम

Ikkis Final Trailer: अगस्त्य नंदा स्टारर इक्कीस का फाइनल ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसमें अगस्त्य को सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के किरदार में देखा जा सकता है. वहीं, धर्मेंद्र का इमोशनल डायलॉग पूरे ट्रेलर की जान है.

Ikkis Final Trailer: श्रीराम राघवन के निर्देशन में बनी और मैडॉक फिल्म्स की निर्मित मच अवेटेड फिल्म ‘इक्कीस’ का फाइनल ट्रेलर रिलीज हो चुका है. यह फिल्म भारत के सबसे बहादुर सैन्य नायकों में से एक सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के जीवन और बलिदान को बड़े पर्दे पर श्रद्धांजलि देती है.

फिल्म में अगस्त्य नंदा मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं. जबकि उनके साथ धर्मेंद्र, जयदीप अहलावत समेत कई दमदार कलाकार अहम किरदार निभा रहे हैं. पहले यह फिल्म 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज डेट बढ़ाकर 1 जनवरी 2026 कर दी गई है. ऐसे में आइए अब ट्रेलर की खासियत बताते हैं.

पहले यहां देख लें पूरा ट्रेलर-

ट्रेलर में दिखा साहस, सम्मान और बलिदान

‘इक्कीस’ का ट्रेलर देश के सबसे कम उम्र के परमवीर चक्र विजेता की कहानी को बेहद भावुक अंदाज में पेश करता है. अगस्त्य नंदा ने अरुण खेत्रपाल के किरदार को प्रभावशाली ढंग से जीवंत किया है.

ट्रेलर में सैन्य एक्शन के साथ-साथ पर्सनल इमोशन्स को भी खास जगह दी गई है. इसमें अरुण खेत्रपाल की देशभक्ति, डेडिकेशन और परिवार के साथ उनके रिश्तों को दिखाया गया है, जो उनके बलिदान की सोच को आकार देते हैं.

धर्मेंद्र का डायलॉग बना ट्रेलर की जान

फाइनल ट्रेलर का सबसे इमोशनल पल वह है, जब धर्मेंद्र अपने किरदार में अरुण खेत्रपाल के बारे में कहते हैं, “यह मेरा छोटा बेटा मुकेश है, 50 साल का है… और यह मेरा बड़ा बेटा अरुण है, जो हमेशा इक्कीस साल का ही रहेगा.”

इस डायलॉग ने दर्शकों को गहराई से झकझोर दिया है और ट्रेलर को और भी दमदार बना दिया.

फिल्म ‘इक्कीस’ की कहानी

सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल ने इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होने के बाद 17 पूना हॉर्स रेजिमेंट जॉइन की थी. दिसंबर 1971 में बसंतर की लड़ाई के दौरान, उन्होंने बारूदी सुरंगों से भरे इलाके में अपनी स्क्वाड्रन को आगे बढ़ाया और अहम आर्मर सपोर्ट दिया.

भारी गोलीबारी के बीच अरुण खेत्रपाल ने दुश्मन के 10 टैंकों को तबाह कर दिया. जब उनका टैंक आग की चपेट में आ गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गए, तब भी उन्होंने अपनी पोस्ट छोड़ने से इनकार कर दिया.

उनकी इस असाधारण बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र, भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान दिया गया.

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Sheetal Choubey
Sheetal Choubey
मैं शीतल चौबे, प्रभात खबर डिजिटल की एंटरटेनमेंट कंटेंट राइटर. पिछले एक साल से ज्यादा समय से मैं यहां बॉक्स ऑफिस अपडेट्स, भोजपुरी-बॉलीवुड खबरें, टीवी सीरियल्स की हलचल और सोशल मीडिया ट्रेंड्स को कवर कर रही हूं. एंगेजिंग, फास्ट और रीडर-फ्रेंडली कंटेंट लिखना मेरी खासियत है.

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