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वेदांता को मिल सकता है 40 तेल ब्लॉक, ONGC को दो और HOEC को एक

नयी दिल्ली : अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड को खुली ब्लॉक नीलामी के तहत तेल एवं गैस खोज के 40 ब्लॉक मिल सकते हैं. देश में पहली बार तेल एवं गैस खोज के ब्लॉक की खुली नीलामी की गयी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सचिवों की प्राधिकृत समिति ने खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग […]

नयी दिल्ली : अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड को खुली ब्लॉक नीलामी के तहत तेल एवं गैस खोज के 40 ब्लॉक मिल सकते हैं. देश में पहली बार तेल एवं गैस खोज के ब्लॉक की खुली नीलामी की गयी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सचिवों की प्राधिकृत समिति ने खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति-एक के तहत तेल एवं गैस ब्लॉक आवंटन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए बोलियां प्राप्त करने का काम दो मई को समाप्त हो गया था. सचिवों की समिति की सिफारिशों को अब वित्त एवं पेट्रोलियम मंत्रियों के पास मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.

इसे भी पढ़ें : मंत्रिमंडल का फैसला : तेल ब्लॉक आवंटित करने का अधिकार पेट्रोलियम, वित्त मंत्रालय को दिया गया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल में खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति के तहत तेल एवं गैस ब्लॉक की नीलामी में लिये बोली लगाने वाले विजेताओं को संबंधित ब्लॉक सौंपने के अधिकार वित्त और पेट्रोलियम मंत्रालयों को दे दिये थे. इस नीति के तहत पहली नीलामी में वेदांता की तेल एवं गैस कंपनी केयर्न इंडिया ने सभी 55 ब्लॉक के लिए बोली लगायी.

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने अपने बलबूते पर अथवा संयुक्त रूप से 37 ब्लॉक के लिए बोलियां सौंपी. इसी प्रकार सार्वजनिक क्षेत्र की ही ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 22 ब्लॉक के लिये बोली लगायी. सूत्रों ने बताया कि वेदांता को इस बोली में 40 ब्लॉक प्राप्त हो सकते हैं, जबकि ओएनजीसी को दो और ज्यादा से ज्यादा तीन ब्लॉक मिल सकते हैं. वहीं, हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी (एचओईसी) को एक ब्लॉक मिल सकता है. आयल इंडिया को इस बोली में आधा दर्जन के करीब ब्लॉक प्राप्त हो सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि ब्लॉक आवंटन को वित्त मंत्रालय की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है. पीयूष गोयल फिलहाल वित्त मंत्रालय का प्रभार देख रहे हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद आराम कर रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि जेटली अगले सपताह तक वित्त मंत्रालय पहुंच सकते हैं. उसके बाद ही वह खुला क्षेत्र खोज लाइसेंस आवंटन को मंजूरी देंगे.

सरकार ने पिछले साल जुलाई में कंपनियों को तेल एवं गैस खोज के लिये अपनी पसंद का क्षेत्र चुनने की अनुमति दी थी. इसका मकसद 28 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तेल एवं गैस खोज कार्य के तहत लाना था.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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