Stock Market: साल 2025 के आखिरी कारोबारी हफ्ते की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार ने मिली-जुली चाल के साथ की. साल के अंत में छुट्टियों के कारण बाजार में वॉल्यूम बेहद कम है, जिससे निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं. बड़े घरेलू या वैश्विक संकेतों की कमी के चलते बाजार के सपाट से नकारात्मक रहने की संभावना जताई जा रही है. सोमवार को निफ्टी 50 21 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 26,063.35 पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स 36.70 अंक फिसलकर 85,004.75 के स्तर पर शुरू हुआ. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, साल के अंतिम दिनों में अधिकतर संस्थागत और रिटेल निवेशक छुट्टियों पर हैं, जिससे ट्रेडिंग गतिविधियां काफी सीमित हो गई हैं.
बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के मुताबिक,“साल के आख़िरी तीन दिन बाजार के लिए अहम हैं, लेकिन वॉल्यूम बेहद कम है. दिसंबर की इंडेक्स एक्सपायरी मंगलवार को है, जिससे हल्की अस्थिरता संभव है, हालांकि इंडिया VIX ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर बना हुआ है.” उन्होंने यह भी कहा कि ओवरबॉट बाजार अब न्यूट्रल से ओवरसोल्ड ज़ोन में आ चुका है, जो आगे किसी पॉजिटिव मूवमेंट का आधार बन सकता है. फिलहाल, किसी बड़े ट्रिगर की अनुपस्थिति में बाजार सपाट या हल्का नकारात्मक रह सकता है.
जनवरी 2026 में बाजार को मिल सकता है सहारा
मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का मानना है कि जनवरी 2026 से भारतीय शेयर बाजार के लिए माहौल बेहतर हो सकता है. उनके अनुसार, तीन अहम सकारात्मक कारक बाजार को नई दिशा दे सकते हैं, केंद्रीय बजट 2026, Q3 FY26 के मजबूत कॉर्पोरेट नतीजे और भारत-अमेरिका ट्रेड डील में प्रगति. हालांकि, मौजूदा हफ्ते में किसी बड़े ट्रिगर की कमी के चलते निवेशक नई पोजिशन लेने से बच सकते हैं और मुनाफावसूली का दबाव बना रह सकता है.
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में सुस्ती, निवेशकों की सीमित भागीदारी
ब्रॉडर मार्केट में भी सीमित हलचल देखने को मिली. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार करता नजर आया, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में महज 0.06 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई. यह संकेत देता है कि छुट्टियों के मौसम और कम वॉल्यूम के कारण व्यापक बाजार में निवेशकों की सक्रियता फिलहाल कमजोर बनी हुई है.
सेक्टोरल ट्रेंड मिला-जुला, मेटल सेक्टर ने मारी बाजी
एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में मिला-जुला रुझान देखने को मिला. जहां निफ्टी मेटल इंडेक्स 0.65 फीसदी की बढ़त के साथ सबसे बेहतर प्रदर्शन करता दिखा, वहीं ऑटो सेक्टर में हल्की मजबूती रही. दूसरी ओर, आईटी, एफएमसीजी, फार्मा और पीएसयू बैंक शेयरों पर दबाव नजर आया. वैश्विक स्तर पर कॉपर और कीमती धातुओं की मजबूती से मेटल सेक्टर को सपोर्ट मिल रहा है.
साल के अंत की ‘सांता रैली’ नदारद, कीमती धातुओं का दबदबा
आमतौर पर साल के आख़िरी दिनों में दिखने वाली ‘Santa Rally’ इस बार बाजार से गायब रही. इसके उलट, सोना-चांदी और कॉपर जैसी कीमती धातुएं अन्य एसेट क्लासेस के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. चांदी एशियाई बाजार में कुछ समय के लिए 80 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गई, जबकि सोना पिछले हफ्ते रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद सोमवार को स्थिर कारोबार करता दिखा.
निफ्टी के लिए 26,250 अहम स्तर, एफआईआई बिकवाली बनी चिंता
SEBI-रजिस्टर्ड एनालिस्ट और Alphamojo Financial Services के फाउंडर सुनील गुर्जर के अनुसार, निफ्टी भले ही अपने ऑल-टाइम हाई के करीब बना हुआ है, लेकिन लगातार एफआईआई की बिकवाली बाजार पर दबाव डाल रही है. उन्होंने कहा कि अगर निफ्टी 26,250 के स्तर के ऊपर मजबूती से टिकता है, तो बाजार में तेज़ी का दौर शुरू हो सकता है. साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इस साल निफ्टी की कुल बढ़त करीब 10 फीसदी रही है, लेकिन तकनीकी रूप से बाजार मजबूत बना हुआ है और कुछ चुनिंदा सेक्टर्स में खरीदारी की रुचि साफ दिखाई दे रही है.
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