वाशिंगटन : उत्तर कोरिया की ओर से एक के बाद एक लगातार किये जाने वाले मारक मिसाइलों के परीक्षण की वजह से दुनिया में तकनीकी तौर पर मजबूत देश जापान को भी युद्ध के खतरे का डर सताने लगा है. यही वजह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने अब उत्तर कोरियाई तानाशाही किम जोंग उन के शासन के खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है. उन्होंने ट्रंप के कड़े रुख की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु कार्यक्रम से पैदा हो रहा खतरा नये चरण में प्रवेश कर रहा है. अबे के अनुसार, कुछ वर्षों से ओबामा प्रशासन के समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाया है. बावजूद इसके उसने परमाणु विकास की अपनी महत्वाकांक्षा कभी नहीं छोड़ी.
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अबे ने ‘सीएनबीसी' को एक साक्षात्कार में कहा कि किम जोंग उन के शासन में केवल पिछले एक साल से उन्होंने 20 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किया है, जो किम जोंग इल के शासन के दौरान प्रक्षेपित की गयी बैलिस्टिक मिसाइल की कुल संख्या से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में बहुत स्पष्ट है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु कार्यक्रम से पैदा होने वाला खतरा अब एक नये चरण में प्रवेश कर रहा है. ऐसा मेरा मानना है.
जापानी प्रधानमंत्री अबे ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सभी विकल्पों पर चर्चा हो रही है. वह अपने शब्दों एवं कार्यों से इस रुख को दर्शा रहे हैं. हम इसका बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि हम इसका बहुत सम्मान करते हैं. इसलिए हमें अमेरिका के साथ निकट सहयोग जारी रखना होगा. इस संबंध में रूस के साथ-साथ चीन भी बहुत अहम हैं. हम प्रयास करना चाहते हैं, ताकि हम किम जोंग उन शासन की नीति में पूर्ण बदलाव ला सकें.
अबे ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी उत्तर कोरिया से इस परमाणु विकास कार्यक्रम छोड़ने की अपील कर रहे हैं. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि हम इस हालात में सुधार के लिए कूटनीतिक एवं शांतिपूर्ण तरीके अपनाने की कोशिश करेंगे. मेरा मानना है कि इस मामले में अमेरिका और जापान से समान विचार हैं.