वाशिंगटन : सीरिया में जारी युद्ध से अलग होने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिका और तुर्की के बीच संबंधों में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे शांति समझौते की संभावनाएं बढ़ गई हैं. ट्रंप ने शुक्रवार को तुर्की में अपने समकक्ष रजब तैयब एर्दोआन से टेलीफोन पर बात की.
इससे पांच दिन पहले ही अमेरिका ने यह कहते हुए सीरिया से अपने 2,000 सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया था कि उसने इस्लामिक स्टेट को हरा दिया है . ट्रंप की इस घोषणा से सबको आश्चर्य हुआ था. दोनों नेताओं बीच हुई बातचीत के बाद जारी बयान में तुर्की ने कहा कि ट्रंप और एर्दोआन सीरिया में ज्यादा प्रभावी सहयोग के लिये सहमत हुए हैं.
इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने सोमवार को कहा था, "मैंने ट्रंप से बात की है. आतंकवादियों को पूर्वी यूफरेट्स (पश्चिम एशिया की ऐतिहासिक नदी) छोड़ना होगा. अगर वे नहीं गए तो हम उन्हें खदेड़ देंगे. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलत कोवुसोलु ने कहा कि उस दौरान भी ट्ंरप ने दोबारा सीरिया से निकलने की बात कही थी. कई अमेरिकी मीडिया घरानों ने कहा कि ट्रंप ने यह फैसला एर्दोआन से बातचीत के तुरंत बाद लिया था. लेकिन ट्रंप का कहना है कि सीरिया युद्ध में भारी खर्च की वजह से यह फैसला लिया गया है.
वाशिंगटन में अटलांटिक काउंसिल के सीनियर फैलो फैसल इतानी ने कहा, "इससे तुर्की को प्रोत्साहन मिलेगा. अमेरिका-तुर्की के रिश्तों में सुधार की संभावना है. साथ ही तुर्की की रूस पर निर्भरता भी कम होगी." इस हफ्ते अमेरिका ने तुर्की को 3.5 अरब डॉलर के हथियार बेचने को मंजूरी दी है. इसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार के तौर पर देखा जा रहा है.