Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न, लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश के प्रति उनकी सेवाएं और योगदान भारत के इतिहास का चिरस्मरणीय अध्याय हैं. मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल आधुनिक भारत के शिल्पी थे. उनका नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मार्गदर्शन दे सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर साथ छोड़ गया. इसके बावजूद, उनकी स्मृतियां और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान आज भी हर भारतवासी को प्रेरणा देता है.
सामान्य किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माण तक की प्रेरक यात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने परिश्रम और संकल्प से उच्च शिक्षा अर्जित की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जन नहीं, बल्कि देश को समझकर अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता के चरणों में समर्पित करना था. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई, अनेक बार जेल गए, यातनाएं सहीं, लेकिन कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए. आज़ादी के समय उन्होंने देश के विभाजन का दृढ़ता से विरोध किया और राष्ट्र की एकता को सर्वोपरि रखा.
567 रियासतों का विलय, भारत की अखंडता का ऐतिहासिक कार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे बड़ी चुनौती देश की एकता को बनाए रखना थी. सरदार पटेल ने अपनी अद्वितीय सूझबूझ और दृढ़ इच्छाशक्ति से 567 देसी रियासतों का भारत में विलय कराकर अखंड भारत की नींव मजबूत की. उन्होंने बताया कि जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी रियासतें भारत में शामिल होने से इंकार कर रही थीं, लेकिन सरदार पटेल की रणनीति और रक्तहीन क्रांति के परिणामस्वरूप दोनों रियासतें भारत
का अभिन्न हिस्सा बनीं. यह उनके निर्णायक नेतृत्व का ऐतिहासिक प्रमाण है.
कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक भूल और उसका दुष्परिणाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर उस समय असमंजस की स्थिति बनी थी. उन्होंने कहा कि तत्कालीन नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण कश्मीर लंबे समय तक विवाद का विषय बना रहा, जिससे देश को उग्रवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए अनुच्छेद-370 को समाप्त कर कश्मीर को वास्तविक अर्थों में भारत का अभिन्न अंग बनाया.
गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल का अमिट योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा को मजबूत स्वरूप दिया, सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने वाली प्रशासनिक संरचना विकसित की. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन राष्ट्रसेवा, दृढ़ संकल्प और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक है. हर भारतवासी उनके प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता के भाव से नतमस्तक है.
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, उमेश द्विवेदी, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

