Atomic Energy Bill : संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार असैन्य परमाणु क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने वाला विधेयक पेश कर अपने सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाएगी. दूसरी ओर, विपक्ष 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा जोर से उठाएगा. यह सत्र बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए की बड़ी जीत के कुछ दिनों बाद शुरू हो रहा है.
क्या है परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025
संसद के शीतकालीन सत्र के विधायी एजेंडे में महत्वपूर्ण ‘परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025’ के साथ भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक और आठ अन्य मसौदा कानून शामिल हैं. इस सत्र में कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं. समन्वय सुनिश्चित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई. सरकार ने कुल 10 विधेयक पेश करने की योजना बनाई है. इनमें असैन्य परमाणु क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने वाला विधेयक भी है. ‘परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025’ का उद्देश्य देश में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और नियमन को बेहतर बनाना है.
यह शायद सबसे छोटा शीतकालीन सत्र होगा : गौरव गोगोई
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस के गौरव गोगोई ने बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार, बीजेपी और पीएम मोदी भारत के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को खत्म करने की कोशिश में हैं. यह शायद सबसे छोटा शीतकालीन सत्र होगा. ऐसा लगता है सरकार संसद को पटरी से उतारना चाहती है. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, लोकतंत्र की सुरक्षा और मतदाता सूची की पारदर्शिता पर चर्चा की मांग की.
सर्वदलीय बैठक में कौन–कौन पहुंचे
सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा में सदन के नेता व स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहे. विपक्ष से कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और के. सुरेश, तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, द्रमुक के तिरुचित शिवा सहित कई दलों के नेता शामिल हुए.

