VP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के चौथे और पांचवें साल में दिए भाषण पर संकलित दो पुस्तकों का लोकार्पण सोमवार को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने किया है. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ नाम से लिखित किताब का लोकार्पण करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस किताब से प्रधानमंत्री की देश के विकास में योगदान, सोच और सपने को समझने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री देश और विदेश में करोड़ों लोगों के प्रेरणास्रोत हैं. वे आप काम और व्यवहार से लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. प्रधानमंत्री आम लोगों के प्रतिनिधि होने के साथ ही सच्चे नेतृत्वकर्ता हैं. अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से यह दिखाया है कि असंभव को संभव कैसे बनाया जा सकता है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के हर भाषण में जनकल्याण, दृढ़ता और काम करने की ललक का आभास होता है और सरकारी योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की सोच दिखती है. एक भारत, श्रेष्ठ भारत, जनजाति गौरव दिवस, काशी तमिल संगमम और राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करने जैसे प्रयास से देश की सांस्कृतिक विरासत को उभारने का काम किया है. विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को सशक्त बनाने के लिए स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, फिट इंडिया, खेलो इंडिया और रोजगार मेले का आयोजन किया गया.
भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसमें अफ्रीकी देश को शामिल करने का प्रधानमंत्री का प्रयास सराहनीय था. प्रधानमंत्री का भाषण वैश्विक एजेंडा तय करने के साथ ही घरेलू जरूरतों को भी आगे बढ़ाने का काम किया है. वोकल फॉर लोकल, पीएम सूर्य घर, आत्मनिर्भर भारत, मुफ्त बिजली योजना से आम लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव आएगा. वहीं जनधन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, किसान सम्मान निधि, डीबीटी के कारण 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली है.
प्रधानमंत्री के लिए कोई लक्ष्य असंभव नहीं
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए कोई लक्ष्य दूर और असंभव नहीं है क्योंकि वे 140 करोड़ लोगों से ताकत हासिल करते हैं. आम लोगों की क्षमता पर भरोसा करने के कारण ही स्वच्छ भारत अभियान एक जन आंदोलन बन गया. इसकी सफलता के कारण ही प्रधानमंत्री कोरोना जैसे संकट के दौर में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते पर ले जाने में सफल रहे. एक दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था फ्रैजाइल पांच में थी. मौजूदा समय में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और जल्द ही तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. यह सिर्फ आर्थिक उपलब्धि नहीं है, यह अनुशासन, राष्ट्र प्रथम की भावना और खुद पर भरोसा रखने के कारण हो पाया है. देश के विरासत, इतिहास, भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों का बढ़ता लगाव दिखाता है कि यह अमृत काल है.
पीएम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संचारकों में से एक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की भाषा बोलते हैं और उनके लिए बोलते हैं. प्रधानमंत्री दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संचारकों में से एक हैं. पीएम अपने भाषणों से देशवासियों को प्रेरित करते हैं. हरिवंश ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद औपनिवेशिक शासन की छाया से बाहर आने के बाद भी, 2014 के बाद ही भारत ने अपनी संस्कृति और प्राचीन विरासत के बारे में गर्व के साथ बोलना शुरू किया है.
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले जब कार्यक्रम होते थे, तो वह सिर्फ दिखावे के लिए होता था. प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद सोच में बदलाव आया है. उनका लक्ष्य सिर्फ जनसेवा और लोगों का कल्याण करने पर केंद्रित होता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया है.
इस किताब का प्रकाशन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने किया है. पहली किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2022-23 में दिए गए 76 भाषण और 12 मन की बात और दूसरे में 82 भाषण और 9 मन की बात कार्यक्रम का संकलन है. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के सचिव अमित खरे, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई, सांसद निशिकांत दुबे, योगेंद्र चंदोलिया और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें.

