Rain Alert: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों के लिए मौसम में बदलाव का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें देश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना है.
पूर्वोत्तर भारत का मौसम अलर्ट (Rain Alert)
आने वाले पांच दिनों तक पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश(Heavy Rain Alert), बिजली की चमक (Lightning) और तेज हवाओं (Strong winds) का अनुमान है. हवाओं की गति 40-50 किमी/घंटा से बढ़कर 60 किमी/घंटा तक हो सकती है. 29 अप्रैल को असम और मेघालय में तेज बारिश और आंधी के साथ हवाओं की गति 50-70 किमी/घंटा तक हो सकती है. नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना है.

पूर्वी और मध्य भारत का मौसम (Heavy Rain Alert)
29 अप्रैल से 2 मई तक पूर्वी भारत, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में गरज-चमक, तेज़ हवाओं (40-60 किमी/घंटा) और हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है. ओडिशा में 29 अप्रैल को ओले गिर सकते हैं और वहां 29 अप्रैल से 1 मई तक भारी बारिश हो सकती है.
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दक्षिण भारत का मौसम पूर्वानुमान (Very Heavy Rain Alert)
अगले सात दिनों तक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में हल्की से मध्यम बारिश, गरज और तेज हवाओं (30-50 किमी/घंटा) का अनुमान है. 29 अप्रैल से 2 मई तक आंतरिक कर्नाटक में तेज़ हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. 29 अप्रैल को केरल और माहे में भारी बारिश की संभावना है, और 30 अप्रैल और 1 मई को आंतरिक कर्नाटक में ओले गिर सकते हैं.
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उत्तर भारत का मौसम (Rain Alert)
2 मई से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत में असर डाल सकता है, जिससे 30 अप्रैल से 4 मई तक पश्चिमी हिमालय और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं चल सकती हैं. 29-30 अप्रैल के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी आ सकती है. 1 मई को पंजाब, हरियाणा, (Weather Forecast) चंडीगढ़ (Rainfall) और दिल्ली, तथा 1-2 मई को राजस्थान में धूल भरी आंधी की संभावना है.
तापमान का पूर्वानुमान
उत्तर-पश्चिम भारत में (Temperature Forecast) अगले तीन दिनों तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन बाद में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. मध्य भारत में तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो सकती है, और महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के अन्य हिस्सों में तापमान स्थिर रहने की संभावना है.