UP BJP President Election: यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कवायद तेज है. जिस नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है वो केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम है. पंकज चौधरी वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं और यूपी के महाराजगंज से सात बार सांसद रह चुके हैं. उनकी राजनीतिक छवि शालीन और जमीन से जुड़े बड़े नेता की है.
कैसा रहा है पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर
पंकज चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1989 में गोरखपुर नगर निगम में पार्षद बनकर की थी. उसी वर्ष गोरखपुर से महाराजगंज अलग जिला बना, और तभी से यह क्षेत्र उनकी राजनीति का केंद्र बन गया. 1991 में उन्होंने महाराजगंज से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता इसके बाद लगातार सात बार सांसद बनने के साथ उनका कद यूपी में और मजबूत हुआ.
पंकज चौधरी का परिवार और शिक्षा
पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. उनकी माता उज्ज्वल चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. पंकज चौधरी का परिवार राजनीतिक रूप से सक्रिय है और जमींदार बैकग्राउंड से आता है. उनका विवाह भाग्यश्री चौधरी से 11 जून 1990 को हुआ, और उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं.
यूपी में क्या है बीजेपी का प्लान
पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय के प्रमुख चेहरे हैं. पूर्वांचल के कुर्मी वोट बैंक को एकजुट करने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है. 2021 में उन्हें MoS (Finance) बनाकर बीजेपी ने कुर्मी असंतोष को शांत किया। 2024 में री-इंडक्शन से पार्टी ने कुर्मी बेस को और मजबूत किया. उनकी जीत दर और सियासी रणनीति बीजेपी के लिए ओबीसी वोट बैंक को साधने में महत्वपूर्ण साबित हुई है. कुर्मी समुदाय यूपी की राजनीति में प्रभावशाली माना जाता है. पंकज चौधरी ने अपने चुनावी करियर में कुर्मी + ओबीसी + सवर्ण समीकरण को सफलतापूर्वक साधा है. बीजेपी उन्हें पूर्वांचल में पार्टी का मजबूत और संतुलित नेतृत्व मानती है.

