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तमिलनाडु में बारिश बनी काल, बीते दो दिन में 10 लोगों ने गंवाई जान, जनजीवन अस्त-व्यस्त

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना ने कहा कि राज्य के दक्षिणी जिलों में बीते दो दिनों में इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिससे 10 लोगों की मौत हुई है और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. ऐसे में आइए जानते है क्या है वहां की स्थिति और सरकार का रुख.

Tamil Nadu Weather Update : तमिलनाडु में भारी बारिश हो रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि बीते दो दिनों में राज्य के इतिहास में सबसे अधिक बारिश हुई है. आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है और जो लोग वहां यात्री के तौर पर फंसे हुए है उन्हें निकालने का प्रयास भी किया जा रहा है. इन्हीं तमाम विषयों पर जानकारी देते हुए तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना ने कहा कि राज्य के दक्षिणी जिलों में बीते दो दिनों में इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिससे 10 लोगों की मौत हुई है और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. ऐसे में आइए जानते है क्या है वहां की स्थिति और सरकार का रुख.

बारिश का पूर्वानुमान भी ‘गलत’

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग का भारी बारिश का पूर्वानुमान भी ‘गलत’ था क्योंकि दो दिनों के भीतर प्रभावित जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई है. उन्होंने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, “बारिश के कारण तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई है. कुछ की जान दीवार गिरने के कारण गई, वहीं कुछ की मौत करंट लगने से हुई.”

दो जिलों में सबसे अधिक  

साथ ही मुख्य सचिव मीना ने कहा कि दक्षिणी जिलों विशेषकर तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में रिकॉर्ड बारिश हुई है और बाढ़ आई है. उन्होंने कहा, “30 घंटों के भीतर कयालपट्टिनम में 1,186 मिमी बारिश हुई, जबकि तिरुचेंदूर में 921 मिमी बारिश हुई.” सचिव ने कहा कि नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 1,343 कर्मी बचाव और राहत अभियान में शामिल हैं.

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राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोग

वहीं, शिवदास मीना ने कहा, “अब तक हमने 160 राहत शिविर स्थापित किए हैं और इन राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोगों को रखा गया है. लोगों को लगभग 34,000 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं और अब भी, हम कुछ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं क्योंकि जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है.” सचिव ने कहा कि राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और उनके जरिए फंसे हुए लोगों तक 13,500 किलोग्राम खाद्य सामग्री पहुंचायी गई है.

श्रीवैकुंटम में फंसे 800 यात्रियों को बचाने के प्रयास जारी

मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिणी तमिलनाडु के श्रीवैकुंटम में फंसे करीब 800 यात्रियों को बचाने के प्रयास जारी हैं और यह कार्य जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए सेना भी मदद कर रही है और उन्हें चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रही है. हालांकि, दक्षिणी तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में बारिश लगभग रुक गई है, लेकिन बाढ़ के प्रभाव से लोगों को अब भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), वायुसेना, रेलवे और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य के लिए समन्वित प्रयास कर रहे हैं. सोमवार तड़के से फंसे यात्रियों ने श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के डिब्बों में ही रात बिताई. 300 लोगों को पास के एक स्कूल में आश्रय दिया गया था और अन्य लोग श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर ही थे.

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बचाव अभियान के तहत लगभग 200 नौकाएं तैनात

सैनिकों ने सोमवार रात थूथुकुडी के पास 100 से अधिक लोगों को बचाने में मदद की, जिसमें 54 महिलाएं, एक गर्भवती महिला और 19 बच्चे शामिल हैं. रक्षा प्रवक्ता, चेन्नई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, उन्हें चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. दिल्ली में मौजूद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार रात मंत्रियों और तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, कन्याकुमारी तथा तेनकासी के जिलाधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से बैठक की और उनसे बचाव कार्य में तेजी लाने को कहा. दक्षिणी जिलों में बाढ़ का पानी निकालने के लिए चेन्नई से अतिरिक्त पंप भेजे गए हैं और बचाव अभियान के तहत लगभग 200 नौकाएं भी तैनात की गई हैं.

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