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अनिल देशमुख की जमानत अर्जी पर जल्द ही फैसला सुनाएगा बंबई हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की अर्जी को लंबित रखना अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि देशमुख की जमानत अर्जी हाईकोर्ट में 21 मार्च से लंबित है.

नई दिल्ली : बंबई हाईकोर्ट अब जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई जल्द शुरू करेगा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए बंबई हाईकोर्ट को शीघ्र फैसला करने का निर्देश दिया है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जमानत की अर्जी देने वाले किसी भी व्यक्ति की यह जायज अपेक्षा होती है कि उसकी अर्जी का यथाशीघ्र तारीख पर निस्तारण कर दिया जाएगा.

जमानत की अर्जी को लंबित रखना उचित नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की अर्जी को लंबित रखना अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि देशमुख की जमानत अर्जी हाईकोर्ट में 21 मार्च से लंबित है. पीठ ने कहा, ‘हम निर्देश जारी करते हैं और याचिकाकर्ता को उन विद्वान न्यायाधीश के समक्ष कल ही आवेदन देने की अनुमति देते हैं, जिन्हें यह मामला (सुनवाई के लिए) सौंपा गया है. इस आवेदन पर इसी सप्ताह सुनवाई की जाए और शीघ्र उसपर फैसला किया जाए.’

तुषार मेहता ने जमानत अर्जी का किया विरोध

सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने इस मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एनजे जामदार देशमुख की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे हैं. सुनवाई शुरू होने पर देशमुख (73) के वकील कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि जमानत अर्जी पर सुनवाई टाली जा रही है. उन्होंने अपने मुवक्किल के लिए अंतरिम जमानत मांगी. ईडी की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत की अर्जी का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत को ऐसा कोई आदेश नहीं देना चाहिए.

नवंबर 2021 में गिरफ्तार किए गए थे अनिल देशमुख

देशमुख को नवंबर, 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. आठ अप्रैल को हाईकोर्ट ने आकस्मिक चिकित्सा स्थिति का हवाला देकर जमानत अर्जियों पर तत्काल सुनवाई करने की मांग किए जाने के चलन की निंदा की थी और देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई स्थगित कर दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि चिकित्सा आधार पर की जा रही तत्काल सुनवाई की मांग समस्या बन गई है.

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विशेष अदालत ने जमानत अर्जी कर दी है खारिज

एनसीपी नेता देशमुख ने विशेष अदालत से अपनी जमानत अर्जी खारिज हो जाने के बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. उन्होंने ईडी के मामले को झूठा करार दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि गृहमंत्री रहने के दौरान देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया तथा पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के मार्फत बारों से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की. वाजे को बर्खास्त कर दिया गया है. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है.

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