Siddaramaiah Vs DK Shivakumar: कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायकों का एक और समूह पार्टी आलाकमान से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचा है. वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि अगर पार्टी आलाकमान फैसला करता है तो वह शीर्ष पद पर बने रहेंगे.
शिवकुमार के 6 समर्थक विधायक दिल्ली पहुंचे
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम छह विधायक रविवार रात राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं. सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर जल्द ही कुछ और विधायकों के दिल्ली जाने की संभावना है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जो विधायक दिल्ली में हैं, उनमें एच सी बालकृष्ण (मगदी), के एम उदय (मद्दूर), नयना मोटाम्मा (मुदिगेरे), इकबाल हुसैन (रामनगर), शरथ बाचेगौड (होसाकोटे) और शिवगंगा बसवराज (चन्नागिरी) शामिल हैं. शिवकुमार का समर्थन करने वाले लगभग 10 विधायकों ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली जाकर खरगे से मुलाकात की थी.
सीएम सिद्धारमैया ने क्या बोला?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘हम आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे. अगर वे तय करते हैं कि मुझे (मुख्यमंत्री पद पर) बने रहना चाहिए, तो मैं पद पर बना रहूंगा. आखिरकार, आलाकमान जो भी फैसला करेगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा. शिवकुमार को भी उसे स्वीकार करना चाहिए.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे, सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘जब मैंने कहा कि आलाकमान फैसला करेगा, तो आप मुझसे फिर वही बात पूछ रहे हैं.’’
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष की क्या है वजह?
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष की वजह 2023 में हुए सत्ता-साझेदारी समझौते पर आधारित है. जिसके तहत सिद्धारमैया को ढाई साल (20 नवंबर तक) मुख्यमंत्री रहना था और इसके बाद यह जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मिलनी थी.
खरगे बेंगलुरु तो राहुल गांधी विदेश में
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फिलहाल बेंगलुरु में हैं और वह जल्द ही दिल्ली जाने वाले हैं, वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी के भी विदेश यात्रा से लौटने की संभावना है.
शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे
सिद्धारमैया अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जोर दे रहे हैं, वहीं शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दे देता है, तो यह संकेत होगा कि सिद्धारमैया पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेंगे लेकिन इससे शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कम हो जाएंगी.

