Siddaramaiah Budget: शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक सरकार का वार्षिक बजट पेश किया, जिसमें राज्य के विकास और विभिन्न वर्गों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई. इस बजट में 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की नई औद्योगिक नीति की घोषणा की गई, जिससे 20 लाख नई नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है.
बजट में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया गया. मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 15 महिला कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिन्हें वक्फ बोर्ड की खाली जमीनों पर बनाया जाएगा. इसके अलावा, 16 अन्य महिला कॉलेजों की स्थापना भी की जाएगी. अल्पसंख्यक परिवारों को शादी में 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला लिया गया है, लेकिन यह मदद सिर्फ साधारण समारोह में होने वाली शादियों के लिए होगी. यदि शादी भव्य तरीके से की जाती है, तो यह सहायता नहीं मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने इमामों की सैलरी बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की है. इसके अलावा, जैन पुजारियों और सिख ग्रंथियों को भी समान वेतन मिलेगा. मस्जिदों में कार्यरत सहायक ग्रंथियों और मुइज्जिनों को 5,000 रुपये प्रति माह मानदेय देने का भी निर्णय लिया गया है. बेंगलुरु में स्थित हज भवन का विस्तार कर हज यात्रियों और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की योजना भी बजट में शामिल है.
इसे भी पढ़ें: दूल्हा- दुल्हन में महायुद्ध! देखें वीडियो
राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ‘चीफ मिनिस्टर माइनॉरिटी कॉलोनी डिवेलपमेंट प्रोग्राम’ की भी घोषणा की गई है, जिसके तहत 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इसके अलावा, कर्नाटक में 250 मौलाना आजाद मॉडल इंग्लिश स्कूल खोलने की भी योजना है, जिन्हें सरकारी सहायता से संचालित किया जाएगा. इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.
एक और महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की गई है. अब यह विश्वविद्यालय “डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी” के नाम से जाना जाएगा.
हालांकि, इस बजट में अल्पसंख्यकों के लिए घोषित कई योजनाओं को लेकर विपक्ष, विशेष रूप से भाजपा, विरोध कर सकती है. खासतौर पर, अलग से माइनॉरिटी कॉलोनियों के निर्माण को लेकर राजनीतिक विवाद हो सकता है. वहीं, मुस्लिम ठेकेदारों को टेंडर में 4% आरक्षण देने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं, लेकिन इस संबंध में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. इस बजट को सामाजिक कल्याण और रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें शिक्षा, अल्पसंख्यकों और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी गई है.
इसे भी पढ़ें: वाह रे इंसान! कंधे पर बाइक उठा रेलवे फाटक किया पार, देखें वीडियो