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अब सीआरपीएफ में चलेगी संस्कारशाला, सुरक्षाबलों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने में मिलेगी मदद

सीआरपीएफ के सभी युनिट, सेक्टर और बटालियन में जल्द ही ‘संस्कारशालाएं’ चलायी जायेंगी. इन संस्कारशालाओं में आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे खतरों से निबटने वाले देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के जवानों को नैतिकता सिखायी जायेगी.

सीआरपीएफ के सभी युनिट, सेक्टर और बटालियन में जल्द ही ‘संस्कारशालाएं’ चलायी जायेंगी. इन संस्कारशालाओं में आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे खतरों से निबटने वाले देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के जवानों को नैतिकता सिखायी जायेगी. ये संस्कारशाला सीनियर और जूनियर के बीच बॉन्डिंग बढ़ाने और सुरक्षाबलों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने में भी मदद करेंगी. इसके अलावा, सुरक्षाबलों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने में भी मदद मिलेगी.

खबर के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संस्कारशालाएं स्थापित करने के लिए एक सूचना सीआरपीएएफ के कल्याण विभाग द्वारा सभी इकाइयों को भेजी गयी है, हालांकि यह कैसे काम करेंगी, इस पर अभी तक कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है. लेकिन, यह कहा गया है कि वरिष्ठ और साथ ही जूनियर सैनिक और अधिकारी अच्छे नैतिक मूल्यों को शेयर करेंगे. अच्छे विचारों का आदान-प्रदान होगा जिससे जवानों के बीच बेहतर वातावरण स्थापित करने में मदद मिलेगी.

बता दें कि सीआरपीएफ ने हाल ही में सभी इकाइयों और बटालियनों को सीनियर और जूनियर के बीच अनौपचारिक बातचीत के लिए चौपाल शुरू करने के लिए कहा था. एक उप महानिरीक्षक द्वारा जारी एक अन्य आदेश में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली युनिट को ‘संस्कारशालाओं’ की अवधारणा को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है. ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि यह पिछले अवसरों पर यह देखा गया है कि कल्याण विभाग के आदेश का पालन सख्ती से नहीं किया जाता है.

एक जवान ने संस्कारशाला शुरू करने का दिया था सुझाव: सीआरपीएफ में संस्कारशाला शुरू करने की पहल एक जवान के सुझाव के बाद शुरू की गयी है. एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ ने हाल ही में वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के बीच कटुता की घटनाओं से निबटने के अलावा सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए कर्मियों से सुझाव मांगे थे.

क्या कहा था जवानों ने: अपने सुझाव में जवानों ने कहा कि जूनियरों और सीनियरों द्वारा दिये गये सम्मान में कमी के कारण, आत्महत्या, हाथापाई और झगड़े दर्ज किये गये हैं जो बल की छवि को भी खराब करते हैं. जवान ने सुझाव देते हुए कहा कि वरिष्ठ और सीनियर कर्मचारियों को एक-दूसरे को परस्पर सम्मान देना चाहिए. इसके लिए ‘संस्कारशाला’ सीआरपीएफ बल की मदद करेगी.

जवान ने अपने सुझाव में लिखा था कि जैसे योग हमारे शरीर को फिट रखने में मदद करता है, वैसे ही सभी युनिट, विभागों और कार्यालयों में हमें संस्कारशाला शुरू करनी चाहिए. अच्छे संस्कार पैदा करने और जवानों को संस्कारी बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया जाना चाहिए.

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar News Desk
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