Railway:आम लोगों के परिवहन का सबसे पसंदीदा साधन रेलवे है. ऐसे में सांसदों की ओर से कई ट्रेनों के स्टॉपेज विभिन्न स्टेशनों पर कराने की मांग होती रहती है. जरूरत के हिसाब से रेलवे की ओर से ऐसे मांगों पर विचार भी किया जाता है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर दिन रेलवे ट्रैक काे मेंटेनेंस के लिए कुछ देर के लिए खाली रखना जरूरी होता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि रेलवे के मेंटेनेंस का काम अन्य इन्फास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे सड़क से काफी अलग है.
पटरियां और ट्रेन के पहिए स्टील के बने होते हैं. जब लगातार हजारों ट्रेन 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी तो पटरियों में टूट आने की संभावना होती है. अगर समय रहते ऐसे टूट को रिपेयर नहीं किया गया तो ट्रेन हादसे की संभावना बढ़ सकती है. वैश्विक स्तर पर मानक है कि 24 घंटे में कुछ घंटे के लिए ट्रैक को खाली रखा जाता है. इस पहलू काे ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 में रेलवे ने सख्त फैसला लेते हुए हर जोन में कुछ घंटे के लिए ट्रैक को खाली रखने का फैसला लिया ताकि मरम्मत का काम किया जा सके.
विशेषज्ञों की सलाह पर लिया गया फैसला
रेल मंत्री ने कहा कि सुरक्षा को देखते हुए कुछ ट्रेन के स्टॉपेज को बंद किया गया है. इस फैसले का कोरोना महामारी से कोई लेना-देना नहीं है. इस बाबत आईआईटी, बांबे ने एक विस्तृत अध्ययन किया और इस अध्ययन के बाद रेलवे ने ट्रेन की समय-सारणी तैयार की ताकि ट्रैक को कुछ घंटे के लिए खाली रखा जा सके. रेलवे के इस फैसले के कारण पहले जहां ट्रैक में 2500 टूट के मामले सामने आते थे, वह घटकर अब 200 हो गया है.
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों में चेयर कार की सुविधा 350-400 किलोमीटर दूरी के लिए है. इसलिए हर राज्य में वंदे भारत ट्रेन चलायी जा रही है. लंबी दूरी के ट्रेन में यह सुविधा नहीं दी गयी है. आने वाले समय में लंबी दूरी की वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू किया जायेगा.