कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कई खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर ‘वसूली सरकार’ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को महंगाई के मुद्दे पर जनता के समक्ष जवाब देना ही पड़ेगा. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ”अबकी बार, वसूली सरकार? अब से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जनता से 5 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा.”
राहुल गांधी ने कहा, रोजमर्रा की खाने-पीने की चीजें महंगी हो गईं, गैस सिलेंडर 1053 रुपये का हो गया, लेकिन सरकार कहती है ‘सब चंगा सी’. मतलब, यह महंगाई जनता की समस्या है, सरकार की नहीं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया, जब मोदी विपक्ष में थे, तब उन्होंने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन आज उन्होंने जनता को समस्याओं के गहरे दलदल में धकेल दिया है, जिसमें लोग रोज धंसते जा रहे हैं. उनकी इस बेबसी पर प्रधानमंत्री मौन हैं, खुश हैं और झूठ पर झूठ बोल रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, सरकार की ओर से आप पर किए जा रहे हर अत्याचार के खिलाफ मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है. इस मुद्दे को हम सदन में जोर-शोर से उठाएंगे. प्रधानमंत्री चाहे जितने शब्दों को ‘असंसदीय’ बता कर हमें चुप कराने की कोशिश कर लें, जवाब तो उन्हें देना ही पड़ेगा. जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा. (भाषा)
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खाने-पीने की कई चीजों पर 18 जुलाई से जीएसटी (GST) लागू हो गया है. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले अनब्रांडेड खाद्य पदार्थ जैसे दाल, चावल, आटा, गेहूं समेत सभी अनाज शामिल हैं. इन पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है. आज से पहले तक जीएसटी के दायरे से बाहर रहे इन सामानों की खरीद पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा. हालांकि सरकार ने साफ किया है कि अब भी ऐसी चीजों की पैकिंग 25 किलो से ऊपर की बोरी या पैक में होती है, तो इन पर जीएसटी नहीं लगेगा. इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है.