कांग्रेस पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं. यदि आपको याद हो तो लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार के बाद कांग्रेस के (Congress) अध्यक्ष पद पर काबिज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस्तीफा दे दिया था. उन्हें इस्तीफा दिए हुए करीब 18 महीने से अधिक हो चुके हैं लेकिन अब तक कांग्रेस स्थायी अध्यक्ष खोजने में नाकाम रही है.
कई बार ऐसे अवसर भी देखने को मिले जब पार्टी नेता बयान देते नजर आए कि कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ही होंगे. इसी बीच अब कांग्रेस के दो नेताओं ने दावा किया है कि वायनाड सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब भी पार्टी अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हैं. वहीं एक अन्य नेता ने यहां तक कह दिया है कि अब यह लगभग तय है कि राहुल अध्यक्ष बनकर नहीं लौटने जा रहे हैं. खबरों की मानें तो राहुल के बतौर पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकार ना करने की दशा में पार्टी के पास प्लान बी भी तैयार है.
राहुल गांधी उत्सुक नहीं : कांग्रेस की 136वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर रविवार को राहुल गांधी विदेश दौरे पर रवाना हो गये. पार्टी नेताओं ने कहा कि वे इटली अपनी नानी से मिलने गये हैं. राहुल का यह दौरा ऐसे समय में है जब हजारों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. माना जा रहा है कि राहुल के विदेशी दौरे से जो संदेश कांग्रेस नेतृत्व में देने का प्रयास किया गया, वह यह है कि राहुल पार्टी अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए उत्सुक नहीं हैं.
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सोनिया गांधी से बातचीत : अंग्रेजी अखबार द हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो पूरे मामले के जानकार एक कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘वरिष्ठ नेता उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं. सभी ने सोनिया गांधी से बातचीत की है ताकि उनका मन बदलने का काम किया जा सके, लेकिन सभी जानते हैं कि उनकी इच्छा इस पर के लिए नहीं है. गौर हो कि कांग्रेस के चिट्ठी लिखने वाले समूह के साथ हुई 19 दिसंबर की एक बैठक में भी राहुल से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वह पद पर वापस लौट आएं. हालांकि राहुल उस वक्त चुप नजर आये. कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि मैं आपकी तरह ही एक सामान्य कार्यकर्ता हूं और उसी तरह पार्टी के लिए काम करता रहूंगा.
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कांग्रेस का प्लान बी : अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट की मानें तो राहुल के ना मानने की दशा में पार्टी के पास प्लान बी भी है. पार्टी को भेजे गए अगस्त के पत्रमें नेताओं ने सुझाव देने का काम किया.सुझाव में कहा गया कि कांग्रेस एक सामूहिक नेतृत्व प्रणाली अपनाना चाहिए. प्लान बी के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के अधीन काम करने के लिए चार उपाध्यक्ष (प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक)की नियुक्त करने का काम कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त जानकारी दी और कहा कि उनकी उपस्थिति नाम मात्र शासक की तरह होगी. एक व्यक्ति के रूप में कोई भी उनके विरोध में खडा नहीं होता है. लेकिन चार उपाध्यक्ष तब सामूहिक रूप से सभी निर्णय लेने का काम करेंगे. उनके पास तीन-चार महासचिव होंगे.