खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, वह रात भर सो नहीं पाये थे. उन्होंने बताया, उन्हें अमृतपाल सिंह को लेकर रात में ही खबर मिल चुकी थी. रातभर वह अपडेट लेते रहे.
अमन-शांति, कानून को तोडने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई : मान
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, आज अमृतपाल सिंह 35 दिन बाद गिरफ्तार हुआ है. जो लोग देश की अमन-शांति, कानून को तोडने की कोशिश करेंगे सिर्फ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. मैं 3.5 करोड़ पंजाब वासियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अमन-शांति को भंग नहीं होने दी.
रात भर नहीं सो पाया : मान
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया, मेरे पास शनिवार रात पूरी सूचना आ गई थी. मैं पूरी रात नहीं सो पाया था. मैं हर 15-30 मिनट में जानकारी लेता रह रहा था, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति बन जाए.
अमृतपाल पंजाब के मोगा से गिरफ्तार, डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया
गौरतलब है कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार सुबह 36 दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया. वह एक महीने से अधिक समय से फरार था.
पुलिस ने रोडे गांव में घेरकर अमृतपाल को किया गिरफ्तार
पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने रोडे गांव में उसे घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 वर्षीय अमृतपाल को सुबह छह बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया. गिल ने कहा, अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया.
अमृतपाल के सरेंडर करने वाले वायरल वीडियो को पंजाब पुलिस ने किया खारिज
पुलिस अधिकारी ने एक वीडियो में अमृतपाल द्वारा किए गए दावे को खारिज किया. सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने आत्मसमर्पण करने का दावा किया था. गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था और पुलिसकर्मियों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था, जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी.
गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने किया प्रवचन
सोशल मीडिया पर अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं और इनमें वह पारंपरिक सफेद वस्त्र पहने हुए दिखाई देता है. वीडियो में अमृतपाल यह कहता दिखता है कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है. वीडियो में वह यह भी कहता सुनाई देता है, यह संत जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है. यह वही स्थान है जहां मेरा ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) समारोह हुआ था. हम जीवन के अहम मोड़ पर खड़े हैं. पिछले एक महीने में जो भी हुआ है, वह सब आपने देखा है. वीडियो में वह यह कहता दिखता है, एक महीने पहले सिखों के खिलाफ सरकार ने ‘ज्यादती’ की. अगर केवल मेरी गिरफ्तारी का सवाल होता तो शायद गिरफ्तारी के और भी कई तरीके होते जिन पर मैं सहयोग करता. उसने कहा, ईश्वर की अदालत में, मैं दोषी नहीं हूं लेकिन दुनिया की अदालत में दोषी हो सकता हूं. एक महीने बाद, मैंने तय किया है कि हम इस जमीन पर लड़ेंगे और कभी यह जमीन नहीं छोड़ेंगे.
18 मार्च से फरार था अमृतपाल
पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था. पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त रासुका लगाया था. अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोकसेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.