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‘जब मिलते थे पैर छूते थे’, नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की मुलाकात होती थी खास

जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर थे और पहली बार राष्ट्रपति से मिलने आए, तो इस संबंध में प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरी में लिखा कि वह कांग्रेस सरकार और उसकी नीतियों के कटु आलोचक हैं..लेकिन...जानें शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में क्या लिखा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ ऐसी खबरें कई बार सामने आती है जो लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन जाती है. इसी तरह की एक खबर सामने आई जिसे अंग्रेजी वेबसाइट एनडीटीवी ने प्रकाशित की है. दरअसल, कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से जुड़ी हुई है. दिवंगत श्री मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बीच एक खास रिश्ता था. बीजेपी नेता हमेशा सम्मान दिखाते थे और कांग्रेस के दिग्गज नेता के पैर छूते थे. शर्मिष्ठा मुखर्जी जिन्होंने एक नई किताब ‘प्रणब माई फादर’ लिखी है, उन्होंने कहा कि जब उनके पिता राष्ट्रपति चुने गए थे, तो वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में बहुत स्पष्ट थे. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा था कि भले ही वे अलग-अलग विचारधाराओं के हों, लेकिन वह शासन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

बाबा हमेशा बहुत अच्छी तरह से बातचीत करते थे पीएम मोदी से

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी ने बातचीत के क्रम में बताया कि मुझे लगता है कि उनकी अलग-अलग विचारधारा थी. इसके बाद भी दोनों नेताओं के व्यवहार में जो अपनापन दिखता था वो लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी. मुझे लगता है, यह रिश्ता वास्तव में कई साल पुराना रहा है. यह रिश्ता नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से भी पहले से रहा है. आगे शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बताया कि पीएम मोदी की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार, वह एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों के लिए दिल्ली आते थे और वह सुबह की सैर पर बाबा (प्रणब मुखर्जी) से मिलते थे. उन्होंने मुझसे कहा कि बाबा हमेशा बहुत अच्छी तरह से बातचीत करते थे. वह मिलने के बाद सबसे पहले मेरे बाबा यानी प्रणब मुखर्जी के पैर छूते थे.

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निर्वाचित सरकार में हस्तक्षेप न करना भी ज़िम्मेदारी

प्रणब मुखर्जी की बेटी ने कहा कि यह बात बाबा की डायरी में बहुत ही अच्छी तरह से लिखी गई है. आगे डायरी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर थे और पहली बार राष्ट्रपति से मिलने आए, तो इस संबंध में बाबा ने लिखा कि वह कांग्रेस सरकार और उसकी नीतियों के कटु आलोचक हैं..लेकिन निजी तौर पर वह हमेशा मेरे पैर छूते हैं. इससे उन्हें खुशी मिलती है.. मुझे समझ नहीं आता क्यों…शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इस किस्से पर मुहर लगाई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध केवल व्यक्तिगत सम्मान पर नहीं बने थे…राष्ट्रपति के रूप में, बाबा का मानना था कि निर्वाचित सरकार में हस्तक्षेप न करना भी उनकी ज़िम्मेदारी है.

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