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Modernise Judicial Infrastructure : 300 करोड़ मामले पेंडिंग, कोर्ट में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर

तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिया जा सकता है. कोर्ट को आधुनिक बनाने पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान लगातार ऑनलाइन सुनवाई जारी रही.

देश में कोरोना संक्रमण की वजह से अदालत बंद है. मामलों की सुनवाई ऑनलाइन हो रही है. तीन करोड़ से ज्यादा पेडिंग केस हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन ने बताया है कि इन समस्याओं से निपटे के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण होना जरूरी है . राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना निगम ( NJIC) देशभर यह आधुनिक कोर्ट जो तकनीक से परिपूर्ण होंगे उसका निर्माण करेगी.

तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिया जा सकता है. कोर्ट को आधुनिक बनाने पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान लगातार ऑनलाइन सुनवाई जारी रही.

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कोर्ट तकनीक के महत्व को समझ रहा है. धान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने खाली पद पदों को भी भरने पर जोर दिया है. उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत संरचना निगम का गठन करने पर भी जोर दिया है.

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\स्थापित 25 उच्च न्यायालयों में न्यायधीशों के कुल 1080 पद हैं लेकिन एक मई को न्याय विभाग की वेबसाइट के मुताबिक केवल 660 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं और इस हिसाब से 420 पद रिक्त हैं. यही कारण है कि कई मामलों की सुनावई मे देरी हो रही है.

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