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संसदीय समिति ने गूगल और फेसबुक को बातचीत के लिए बुलाया, टि्वटर को नहीं दिया न्यौता !

twitter vs indian government Parliamentary committee called Google and Facebook for talks, did not invite Twitter बैठक में टि्वटर को आमंत्रित नहीं किया गया है. संसद की समिति ने इस बैठक में सिर्फ गूगल और फेसबुक को बुलाया है. 25 मई से लागू हुए नये आईटी नियमों के अनुसार अबतक टि्वटर ने अपनी रणनीति में बदलाव नहीं किये हैं. ट्विटर इंडिया के शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है ऐसे में सरकार टि्वटर को तवज्जो ना देकर दूसरे प्लेटफॉर्म से बातचीत कर रही है.

नये आईटी नियमों को लेकर सरकार और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट टि्वटर के बीच का विवाद अबतक खत्म नहीं हुआ है. संसद की सूचना प्रौद्योगिकी समिति ने फेसबुक और गूगल को बैठक के लिए आमंत्रित किया है. इस बैठक में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने पर चर्चा होगी.

इस बैठक में टि्वटर को आमंत्रित नहीं किया गया है. संसद की समिति ने इस बैठक में सिर्फ गूगल और फेसबुक को बुलाया है. 25 मई से लागू हुए नये आईटी नियमों के अनुसार अबतक टि्वटर ने अपनी रणनीति में बदलाव नहीं किये हैं. ट्विटर इंडिया के शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में सरकार टि्वटर को तवज्जो ना देकर दूसरे प्लेटफॉर्म से बातचीत कर रही है.

एनडीटीवी ने यह खबर दी है कि संसदीय समिति इस अहम मुद्दों पर लंबी बातचीत करेगी. अगली बैठक में दूसरे सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म को न्यौता देगी जिसमें यूट्यूब समेत कई दूसरी नेटवर्किंग वेबसाइट का नाम शामिल है, हालांकि टि्वटर को लेकर क्या रणनीति रहती है, यह देखना होगा

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इस पूरे मामले पर अबतक टि्वटर की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आयी है कि उसे इस बैठक में किस वजह से शामिल नहीं किया गया और ना ही संसदीय समिति ने इस बैठक में टि्वटर को ना शामिल करने पर कोई प्रतिक्रिया दी है. इसमें सिर्फ दो प्लेटफॉर्म का नाम है

सरकार के साथ लगातार बातचीत में सरकार की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स या पीड़ितों की शिकायत का समाधान के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना जरूरी है. टि्वटर इंडिया ने इस बात पर सहमति जतायी है लेकिन प्राइवेसी को लेकर सरकार के साथ टि्वटर का विवाद अब भी जारी है. नये आईटी नियमों के तहत 50 लाख से अधिक यूजर वाली सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियां ऐसी शिकायतों से निपटने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा.

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नियमों को ना मानने की वजह से भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मिलने वाले अधिकार और छूट के अधिकार को खत्म कर दिया गया है. इस पूरे विवाद में अबतक टि्वटर ने सरकार के सामने जवाब रखा है लेकिन अबतक टि्वटर और सरकार के बीच का विवाद खत्म नहीं हुआ है.

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