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Parliament Monsoon Session : जनता के करोड़ों बर्बाद! जानें कितना काम हुआ लोकसभा और राज्यसभा में

Parliament Monsoon Session : संसद का मॉनसून सत्र 21 अगस्त को समाप्त हो गया. इस दौरान लोकसभा में सांसदों को 120 घंटे देश के मुद्दों पर चर्चा करनी थी, लेकिन वास्तव में सिर्फ 37 घंटे ही काम हुआ. यानी 83 घंटे बेकार गए. इसका मतलब है कि केवल 31% काम हुआ और बाकी 69% समय सांसदों की आपसी राजनीति और हंगामे में बर्बाद हो गया. राज्यसभा का भी यही हाल रहा. यहां भी 120 घंटे काम होना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 47 घंटे ही काम किया गया. यानी 73 घंटे बर्बाद हो गए. इसका मतलब साफ है कि राज्यसभा में भी सांसदों ने सिर्फ 38% काम किया.

Parliament Monsoon Session : मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. लोकसभा में सांसदों को 120 घंटे काम करना था, लेकिन केवल 37 घंटे ही काम हुआ और 83 घंटे हंगामे में बर्बाद हो गए. यही हाल राज्यसभा का भी रहा, जहां 120 घंटे की बजाय सिर्फ 47 घंटे काम हुआ और 73 घंटे बेकार गए. कुल मिलाकर, सांसदों ने देशहित की बजाय अपनी राजनीति में अधिक समय गंवा दिया.

जनता के कितने रुपए हुए बर्बाद?

लोकसभा में 83 घंटे काम नहीं हुआ, जिससे लगभग 124 करोड़ 50 लाख रुपये जनता के पैसे बर्बाद हो गए. वहीं राज्यसभा में 73 घंटे की बर्बादी से करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यानी दोनों सदनों में मिलाकर कुल 204 करोड़ 50 लाख रुपये बर्बाद हो गए. यह पैसा जनता के काम पर खर्च हो सकता था, लेकिन हंगामे और राजनीति की वजह से व्यर्थ चला गया.

हंगामे के बीच मानसून सत्र समाप्ति पर क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र में कामकाज सही तरीके से न होने पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के युवा और प्रतिभाशाली सांसद अपने नेतृत्व की असुरक्षा के कारण चर्चाओं में भाग नहीं ले पाते. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कक्ष में हुई एक अनौपचारिक बैठक में कही, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं को बुलाया गया था. यह बैठक लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद हुई. हालांकि, विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

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कांग्रेस ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया

कांग्रेस ने संसद के मॉनसून सत्र में गतिरोध बने रहने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने ‘‘वोट चोरी’’ जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने के मकसद से ‘‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रैक्शन’’ (जनता का ध्यान भटकाने के हथियार) के रूप में तीन विधेयक पेश किए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद यह भी कहा कि विपक्ष के बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार अड़ी रही और उसने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सदन में चर्चा नहीं कराई.

Amitabh Kumar
Amitabh Kumar
डिजिटल जर्नलिज्म में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है. जर्नलिज्म की शुरूआत प्रभातखबर.कॉम से की. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़. राजनीति,सामाजिक संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. ट्रेंडिंग खबरों पर फोकस.

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