Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हरियाणा के करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की भी मौत हो गई. 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी. हनीमून के लिए अपनी पत्नी के साथ पहलगाम गए थे. हमले के दौरान वह आतंकियों का निशाना बन गए. इस दर्दनाक घटना ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है. उन्हें आतंकियों ने सीने, गर्दन और बाएं हाथ के पास गोली मारी. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. गोलीबारी इतनी अचानक और भीषण थी कि उन्हें बचाया नहीं जा सका.
16 अप्रैल को विनय नारवाल की शादी हुई
रक्षा अधिकारियों के हवाले से ANI ने बताया, “भारतीय नौसेना के अधिकारी, लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की आतंकी हमले में जान गई है. वे कोच्चि में तैनात थे. उनकी उम्र 26 साल थी. वे हरियाणा के निवासी थे और 16 अप्रैल को उनका विवाह हुआ था.” टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शादी के बाद लेफ्टिनेंट विनय नारवाल और उनकी पत्नी ने पहले यूरोप घूमने की योजना बनाई थी, लेकिन वीजा न मिल पाने के कारण वे नहीं जा सके. इसके बाद उन्होंने हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा का फैसला किया.
गम और सदमे में विनय नारवाल का परिवार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 26 साल के विनय नारवाल ने दो साल पहले भारतीय नौसेना जॉइन की थी. 16 अप्रैल को विवाह समारोह के बाद वे 21 अप्रैल को अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाने कश्मीर गए थे. वर्तमान में उनकी तैनाती कोच्चि में थी. घटना के बाद आधी रात को कुछ लोग विनय नारवाल के घर पहुंचे, लेकिन परिवार ने किसी से कोई बातचीत नहीं की. गम और सदमे की इस घड़ी में परिवार पूरी तरह टूट चुका है और उन्होंने खुद को लोगों से अलग रखा है.
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नारवाल की पत्नी का वीडियो आया सामने
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी का एक वीडियो सामने आया है. इसमें वह भावुक स्वर में कहती हैं, “हम सिर्फ भेलपुरी खा रहे थे… और तभी उसने मेरे पति को गोली मार दी. बंदूकधारी ने कहा कि मेरे पति मुसलमान नहीं हैं और फिर उन्हें गोली मार दी.” यह बयान इस आतंकी हमले की बर्बरता और नफरत की मानसिकता को उजागर करता है, जिसने एक नवविवाहित जोड़े की खुशियों को छीन लिया.
गोलीबारी में 26 लोगों की मौत
22 अप्रैल की दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम कस्बे के पास स्थित एक प्रसिद्ध घास के मैदान में आतंकियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी में 26 लोगों की मौत हो गई. मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे—एक संयुक्त अरब अमीरात से और एक नेपाल से है. यह हमला अत्यंत निर्मम और भयावह था, जिसने पूरे क्षेत्र को दहशत में डाल दिया है.