Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारतीय सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के जवाबी कार्रवाई को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. पाकिस्तान के साथ तनाव को देखते हुए भारत सरकार की ओर से हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक और कृषि को लेकर केंद्रीय मंत्रियों की ओर से उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक कई स्तर पर जारी है. लेकिन भारत की कोशिश हर मोर्चे पर खुद को मजबूत करने की है और इसके लिए विभिन्न मंत्रालय की ओर से तैयारी की समीक्षा की जा रही है. तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करने का आदेश जारी किया है.
इस आदेश के तहत स्थानीय प्रशासन को बाहरी आक्रमण और भावी खतरे के समय सुरक्षात्मक और निवारण तंत्र को सक्रिय करने का अधिकार प्रदान करता है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 का इस्तेमाल करने का अधिकार मिल गया है. इस कानून के तहत एहतियाती उपायों के त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नागरिक सुरक्षा के उपाय लागू करने के लिए आपातकालीन खरीद अधिकार मिल जाता है. यह फैसला ऐसे समय लिया गया है कि जब पाकिस्तान के साथ तनाव को देखते हुए देश हाई अलर्ट पर है.
आपात स्थिति में सरकार लागू करती है नागरिक सुरक्षा नियम
नागरिक सुरक्षा नियम 1968 के तहत देश के नागरिकों और इंफ्रास्ट्रक्चर को शत्रु सेना के हमले के खिलाफ जवाब देने के लिए बनाया गया है. इस नियम के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को हमले होने से पहले ही निवारक, सुरक्षात्मक और नियंत्रण उपाय करने और जवाबी कार्रवाई के लिए व्यापक अधिकार मिल जाते हैं. नियम के तहत हवाई या रात के समय के हमलों से बचाने के लिए सरकार स्ट्रीट लाइट, होम लाइट पर प्रतिबंध लगा सकती है. साथ ही कई अन्य तरीके अपनाने की छूट प्रशासन को मिल जाती है. इस दौरान प्रशासन नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी क्षेत्र में मॉक ड्रिल और अभ्यास कर सकती है. इसे कोई नागरिक मना नहीं कर सकता है. नागरिक सुरक्षा कर्मी किसी परिसर में जा सकते हैं. अस्थायी निर्माण कर सड़कों या सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकते है