26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Rice Export Ban: सरकार ने चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, कितना करेगा प्रभावित?

Rice Export Ban: ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा कि वास्तव में ऐसा नहीं है, भारत से 5% टूटे हुए सफेद चावल वर्तमान में भारत से लगभग 340 डॉलर प्रति टन पर शिप किया जा रहा है

Rice Export Ban: केंद्र की मोदी सरकार ने फसल की विफलता के कारण हुई कम खरीद और सार्वजनिक स्टॉक की कमी के कारण लगभग चार महीने पहले देश से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब फिर से ऐसी स्थिति बन रही है जब सरकार को विदेशों में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित किया है. भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि देश से सभी चावलों के निर्यात पर प्रतिबंध लग गया है.

कौन से प्रतिबंध लगाए गए हैं चावल के निर्यात पर?

चावल निर्यात की चार श्रेणियां हैं. इनमें से दो के मामले में बासमती चावल और बिना उबाले गैर-बासमती चावल के निर्यात को अभी भी स्वतंत्र रूप से अनुमति है. केवल अन्य दो कच्चे (सफेद) और टूटे हुए गैर-बासमती चावल के लिए ही प्रतिबंध लगाया गया है. वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग ने 9 सितंबर से चावल (उबला हुआ और बासमती चावल के अलावा) के निर्यात पर 20% शुल्क लगाने की अधिसूचना जारी की. इसमें सभी कच्चे गैर-बासमती चावल शिपमेंट शामिल होंगे. चाहे पूरा अनाज हो या टूटा हुआ अनाज.

उबले और टूटे चावल वास्तव में क्या हैं?

बता दें कि हल्का उबालना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धान को पानी में भिगोया जाता है, भाप में उबाला जाता है और उसकी बाहरी भूसी को बरकरार रखते हुए सुखाया जाता है. इसके परिणामस्वरूप चावल मिलिंग पर कम टूटने के साथ सख्त हो जाते हैं. भारत से निर्यात किए गए उबले चावल में 5-15% टूटे हुए अनाज होते हैं. कच्चे चावल में, ब्रोकन आमतौर पर 25% तक होते हैं.

Also Read: महंगाई पर मोदी सरकार का वार: आटे के बाद टूटे चावल के निर्यात पर लगी रोक, गैर-बासमती चावल पर लगा शुल्क

क्या भारत के चावल के निर्यात में आएगी भारी गिरावट?

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा कि वास्तव में ऐसा नहीं है, भारत से 5% टूटे हुए सफेद चावल वर्तमान में भारत से लगभग 340 डॉलर प्रति टन पर शिप किया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान से 380 डॉलर, वियतनाम से 395 डॉलर और थाईलैंड से 430 डॉलर प्रति टन है. 20% कर भारतीय चावल को अप्रतिस्पर्धी नहीं बनाएगा. भारत ने 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में, 9.66 बिलियन डॉलर मूल्य के 21.21 मिलियन टन चावल का रिकॉर्ड निर्यात किया. इसमें 3.54 बिलियन डॉलर (जिस पर कोई प्रतिबंध नहीं है) के 3.95 मिलियन टन बासमती चावल और 6.12 बिलियन डॉलर मूल्य के 17.26 मिलियन टन गैर-बासमती शिपमेंट शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें