मणिपुर में 3 जुन से जारी हिंसा और तनाव की स्थिति के बीच सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मणिपुर में शनिवार से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी.
रिहा किए गए पांच युवकों में से एक युवक फिर से गिरफ्तार
मणिपुर की एक कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा किए गए पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों में से एक युवक को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि फिर से गिरफ्तार किए गए युवक की स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि जमानत पर रिहाई के बाद चार युवकों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया, लेकिन प्रतिबंधित ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के पूर्व काडर मोइरांगथेम आनंद को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. आनंद की पत्नी ने कहा, मुझे पुलिस ने बताया है कि मेरे पति को 10 साल से अधिक पुराने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है. जमानत पर रिहा किए गए एक युवक एल माइकल ने मीडिया से कहा, हम में से चार को रिहा कर दिया गया, लेकिन कुछ अधिकारी आनंद को अपने साथ ले गए. हमने तभी उसे आखिरी बार देखा था.
इंफाल वेस्ट में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
खबर है कि मणिपुर के इंफाल वेस्ट के कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच शुक्रवार रात फिर से झड़प हुईं. सुरक्षा बलों ने इंफाल वेस्ट जिले के क्वाकीथेल इलाके, सिंगजमेई और उरीपोक में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों ने सरकार और पुलिस का विरोध करते हुए बीच सड़क पर टायर जलाए.
पांच युवकों को 50 हजार के जमानती बॉण्ड पर जमानत
गौरतलब है कि मणिपुर की एक विशेष अदालत ने पांच युवकों को 50 हजार रुपये के जमानती बॉण्ड जमा कराने के बाद रिहा कर दिया गया. पुलिस ने 16 सितंबर को इंफाल ईस्ट जिले के कोंगबा में आनंद और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था तथा उनके पास से गोला बारूद के साथ एक इंसास राइफल बरामद की थी.
मणिपुर में 3 मई से हिंसा और प्रदर्शन जारी, 160 से अधिक लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई के बाद से हिंसा और प्रदर्शन जारी है. मैतेई और कुकी समुदाय के बीच उसी दिन से हिंसा जारी है. दरअसल मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें एसटी का दर्जा दिया जाए. जबकि कुकी समुदाय को इसपर आपत्ति है. कुकी का तर्क है कि मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा मिल गया तो राज्य में उसकी स्थिति और खराब हो जाएगी. उनका तर्क है कि अगर मैतेई को एसटी का दर्जा मिल गया तो सरकार और समाज में उनका प्रभाव और बढ़ जाएगा. पहाड़ी क्षेत्रों में उन्हें जमीन खरीदने और बसने का अधिकार मिल जाएगा. दोनों समुदाय के लोगों के बीच इसी बात को लेकर हिंसा हो रही है. अबतक हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.