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Legal: अदालतों के कामकाज में एआई का प्रयोग बढ़ाने पर दिया जा रहा है जोर

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी के अनुसार ई-कोर्ट के तहत विकसित ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल), ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर), प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. एआई का उपयोग ट्रांसलेशन और पूर्वानुमान जैसे क्षेत्रों में एकीकृत किया जा रहा है.

Legal: अदालती कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी के अनुसार ई-कोर्ट के तहत विकसित ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल), ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर), प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. एआई का उपयोग ट्रांसलेशन और पूर्वानुमान जैसे क्षेत्रों में एकीकृत किया जा रहा है. 


प्रशासनिक सुधार, स्वचालित फाइलिंग, इंटेलिजेंट शेड्यूलिंग, केस सूचना प्रणाली को बेहतर बनाने और चैटबॉट्स के जरिये याचिकाकर्ता के साथ संवाद जैसे मसले को एकीकृत करने का काम हो रहा है. साथ ही कानूनी रिसर्च, दस्तावेजों का विश्लेषण और न्यायिक निर्णय में न्यायाधीशों की सहायता के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवीजन और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (ई-कोर्ट), एनआईसी, पुणे की टीम द्वारा विकसित किया गया है. 


इसके अलावा डिजिटल कोर्ट 2.1 को न्यायिक अधिकारियों की सहायता के लिए एकीकृत डेटाबेस, दस्तावेज प्रबंधन, और जस्ट आईएस ऐप के साथ कनेक्टिविटी प्रदान करके विकसित किया गया है. डिजिटल कोर्ट 2.1 वॉयस-टू-टेक्स्ट फीचर (एएसआर-श्रुति) और अनुवाद (पाणिनी) से लैस है जो न्यायाधीशों को आदेश और निर्णय के भाषायी अनुवाद में मदद करेगा. 

आईआईटी कर रहा है तकनीकी सहायता


शीर्ष अदालत ने आईआईटी मद्रास के साथ कमियों की पहचान के लिए इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत एआई और एमएल आधारित उपकरणों को विकसित और तैनात किया है. प्रोटो-टाइप की पहुंच 200 एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड को उपलब्ध है. आईआईटी मद्रास के सहयोग से कमियों को ठीक करने, मेटा डेटा विश्लेषण और इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग मॉड्यूल और केस प्रबंधन सॉफ्टवेयर और सूचना प्रणाली (आईसीएमआईएस) के साथ एकीकरण के लिए एआई और एमएल उपकरणों के प्रोटोटाइप का भी परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट पोर्टल सहायता इन कोर्ट एफिशिएंसी (एसयूपीऐसीई ) नामक एक एआई आधारित उपकरण का विकास कर रहा है. 


इस उपकरण का मकसद मामलों की पहचान करने के लिए एक मॉड्यूल विकसित करना है. ज्यूडिशियल डोमेन में (एआई) के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने एक एआई कमेटी बनाई है, जो ज्यूडिशियरी में (एआई) के इस्तेमाल को लागू करने और निगरानी करने का काम करेगी. कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह जानकारी राज्यसभा में दी.

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