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Kisan Andolan : किसान आंदोलन को कहां से मिल रहा है फंड ? आप भी जानें इस सवाल का जवाब

किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) आज 26वें दिन भी जारी है. इस आंदोलन पर पूरे देश की नजर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) किसानों से अपील कर चुके हैं कि हर समस्या का हल बातचीत से निकल सकता है. इसी बीच आंदोलन की फंडिंग (kisan andolanfunding) को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) आज 26वें दिन भी जारी है. इस आंदोलन पर पूरे देश की नजर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) किसानों से अपील कर चुके हैं कि हर समस्या का हल बातचीत से निकल सकता है. इसी बीच आंदोलन की फंडिंग को लेकर सवाल उठने लगे हैं. किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलनरत रहेंगे.

ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि आखिर आंदोलन के लिए पैसा कहां से आ रहा है. जितनी संख्या में दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर किसान एकत्रित हैं उनके राशन पानी की जिम्मेदारी आखिर उठा कौन रहा है ? यह सवाल कई लोगों के जेहन में उठ रहा है. लेकिन इस सवाल का जवाब भी किसानों के पास मौजूद है. दरअसल किसान आंदोलन का बहीखाता है. हर गांव से साल में दो बार चंदा इकट्ठा करने का काम किया जाता है. हर छह महीने में करीब ढाई लाख रुपये का चंदा इकट्ठा होता है.

हिसाब बहीखाते में दर्ज : खबरों की मानें तो इस आंदोलन को सबसे बड़ी मदद पंजाब के डेमोक्रेटिक टीचर्स फेडरेशन ने पहुंचाई है. फेडरेशन की ओर से किसानों की मदद के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दी गई है. किसानों पर कहां कितना खर्च हो रहा है हर एक रकम का हिसाब बहीखाते में दर्ज किया जा रहा है. टिकरी बॉडर पर जमे किसानों का हिसाब मानसा की रहने वाली सुखविंदर कौर रख रहीं हैं जो भारतीय किसान यूनियन की उपाध्यक्ष हैं. वह चंदे का लेखाजोखा रखने में व्यस्त हैं. वो पंजाब-हरियाणा से आये तमाम लोगों के चंदे ले रहीं हैं और उसे लिख रहीं हैं.

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उपाध्यक्ष झंडा सिंह ने कहा : भारतीय किसान यूनियन खुद से चंदा जमा करने का काम करता है. भारतीय किसान यूनियन उग्रहा से जुडे 14 सौ गांव है. जो साल में दो बार चंदा जुटाते हैं. एक गेहूं की पैदावार के बाद जबकि दूसरी बार धान की पैदावार के बाद…यूनियन के उपाध्यक्ष झंडा सिंह से एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि पंजाब के गांवों से हर छह महीने में करीब ढाई लाख का चंदा उठ जाता है. आरोपों पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से चंदे को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं. यदि वे चंदे को गलत साबित कर देंगे तो हम आंदोलन छोड़कर उठ जाएंगे.

Posted By : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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