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मेजर सुमन को सम्मान : यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से सम्मानित, पहली बार किसी भारतीय को मिला यह अवॉर्ड

भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को यूनाइटेड नेशनंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है.

मेजर सुमन को सम्मान : भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को यूनाइटेड नेशनंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है. यह पहली बार है जब किसी भारतीय शांतिदूत को इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सुमन को पावरफुल रोल मॉडल कहा है. मेजर सुमन के साथ इस अवॉर्ड को ब्राजीली नेवी ऑफिसर कार्ला मोंटेरियो दी कास्त्रो अराउजो को भी मिलेगा. आज यानी यूएन पीसकीपर्स डे के मौके पर वर्चुअल समारोह के दौरान इन दोनों महिला अफसरों को यह सम्मान मिलेगा.

यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर को दी थी ट्रेनिंग : बता दें, मेजर सुमन एक मिलिट्री ऑब्जर्वर हैं, जिन्हें एक यूएन मिशन के तहत दक्षिणी सूडान में तैनात किया गया था. यहां उन्होंने यौन हिंसा से जुड़े संघर्षों पर करीब यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर को ट्रेनिंग दी. मेजर सुमन ने यौन हिंसा से जुडे़ मामलों की रोकथाम के लिए सूडान की सेनाओं को भी ट्रेनिंग दिया था. उनके काम की काफी सराहना की गई थी.

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उत्तराखंड की रहने वाली है मेजर सुमन : मेजर सुमन का मूल आवास उत्तराखंड है. वो उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पोखर गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने उत्तरकाशी में स्कूली शिक्षा ग्रहण की. फिर आगे की पढ़ाई उन्होंने देहरादून स्थित गवर्मेंट पीजी कॉलेज से की. साल 2011 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई से ग्रेजुएट होने के बाद मेजर सुमन ने इंडियन आर्मी ज्वॉइन की. मेजर सुमन का पारिवारिक गृष्चभूमि भी सेना से जुड़ा रहा है. उनके पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं, और उनके दो भाइ भी इंडियन आर्म्ड फोर्स में हैं.

कमांडर कार्ला को भी मिल रहा है सम्मान : ब्राजील की महिला कमांडर कार्ला को भी यह सम्मान मिल रही है. वो सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में यूएन के मल्टी डायमेंशनल इंटिग्रेटेड स्टेबिलाइजेशन मिशन में काम कर रही हैं. कमांडर अराउजो ने लिंगभेद और यौन हिंसा को रोकने के लिए कई काम किये. जेंडर और प्रोटेक्शव पर बतौर ट्रेनर उनके योगदान की काफी सराहना की गई. बता दें, सम्मान पाने वाली कमांडर कार्ला दूसरी ब्राजिलियन हैं.

यूएन के शांति मिशनों में भारत का योगदान : यूएन के शांति मिशनों में भारतीय सेना का योगदान शुरू से बढ़चढ़ कर रहा है. सेना के जवान अबतक 49 यूएन मिशनों में अपना योगदान दे चुके हैं. यूएन शांति मिशनों में सेना भेजने वालों में भारत का स्थान तीसरा है.

क्यों मनाया जाता है यूएन पीसकीपर्स डे : 29 मई 1948 को यूनाइटेश नेशन शांति मिशन की शुरूआत हुई थी. दरअसल अरब और इजराईल में युद्ध के बाद जब सीजफायर हुआ तो स्थिति को मॉनिटर करने के लिए यूएन सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन का गठन किया गया. इसी के एवज में इंटरनेशनल डे ऑफ यूएन पीसकीपर्स डे मनाया जाता है. हर साल मई महीने की 29 तारीख को यह मनाया जाता है.

Posted by : Pritish Sahay

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