Fighter Jet : भारतीय वायुसेना की ताकत अब और बढ़ने जा रही है. केंद्र सरकार ने 97 नए एलसीए मार्क-1ए तेजस लड़ाकू विमान खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है. इसके लिए करीब 62 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे पहले वायुसेना ने 83 तेजस का ऑर्डर दिया था.
इन लड़ाकू विमानों का निर्माण एचएएल कंपनी करेगी
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार इन अत्याधुनिक विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करेगी. यह एलसीए मार्क-1ए का दूसरा बड़ा ऑर्डर है. कुछ साल पहले ही सरकार ने 83 तेजस के लिए लगभग 48 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया था. ये नए विमान वायुसेना के पुराने हो चुके मिग-21 की जगह लेंगे और भारतीय वायुसेना की ताकत को एक नए मुकाम पर पहुंचाएंगे.
क्यों खास है एलसीए मार्क-1ए?
तेजस मार्क-1ए को आधुनिक रडार, बेहतर एवियोनिक्स और ज्यादा मारक क्षमता के साथ तैयार किया गया है. इसमें बनाने के लिए 65% से ज्यादा स्वदेशी सामानों का उपयोग किया जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत की रक्षा तकनीक और एयरोस्पेस उद्योग दोनों को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.
मिग-21 को इन दिनों दी जाएगी विदाई
भारतीय वायुसेना द्वारा 19 सितंबर 2025 को मिग-21 को आधिकारिक रूप से बेड़े से बाहर कर दिया जाएगा. चंडीगढ़ एयरबेस पर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) इस ऐतिहासिक विमान को विशेष समारोह में विदाई देगा. मिग-21 साल 1963 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था. सोवियत संघ में बना यह विमान ध्वनि की गति से उड़ने की क्षमता रखता था और 1965 व 1971 की जंग में भारत की ताकत बना था.
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