Heat Wave: देश में गर्मी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी के कारण जनजीवन पर असर पड़ा है. मौसम विभाग ने आने वाले समय में और गर्मी बढ़ने की संभावना जतायी है. ऐसे में गर्मी को देखते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों और मजदूरों को प्रचंड गर्मी से बचाने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने की सलाह दी है. मंत्रालय के सचिव ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और प्रशासकों को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि राज्य कामगारों, श्रमिकों को गर्मी की प्रचंड लहर से बचाने और बढ़े तापमान के प्रतिकूल प्रभावों के असर से बचाने के लिए व्यवसायियों, नियोक्ताओं और निर्माण कंपनियों, उद्योगों को निर्देश जारी कर जरूरी कदम उठाने का आदेश दें.
काम के समय में पुनर्निर्धारण की सिफारिश
मंत्रालय ने लू से बचने के लिए समन्वित, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की है, जिसमें कार्य समय के पुनर्निर्धारण, पर्याप्त पेयजल सुविधाएं सुनिश्चित करने, कार्य स्थलों, विश्राम स्थलों में वायु-संचार और शीतलन सुविधा, श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच, निर्माण काम में लगे श्रमिकों को आपातकालीन आइस पैक (बर्फ के पैकेट) और गर्मी से होने वाली बीमारियों के लिए बचाव सामग्री उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही खदान और फैक्ट्री प्रबंधन को काम धीमी गति से कराने, अनुकूल कार्य निर्धारण, अत्यधिक गर्मी में दो-व्यक्ति दल, भूमिगत खदानों में उचित वायु संचार व्यवस्था के निर्देश की भी सलाह दी गयी है. कारखानों और खदानों के अलावा निर्माण और ईंट भट्ठों के श्रमिकों पर विशेष ध्यान देने और जागरूकता शिविरों, श्रमिक चौकों आदि पर पोस्टर और बैनर के माध्यम से अति गर्मी से बचाव के तरीकों के बारे में श्रमिकों को व्यापक जानकारी देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.
विभिन्न संगठन गर्मी से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं
मंत्रालय ने अपने संगठनों श्रम कल्याण महानिदेशालय (डीजीएलडब्ल्यू), मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी), दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (डीटीएनबीडब्ल्यूईडी), वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (वीवीजीएनएलआई) महानिदेशालय, फैक्ट्री सलाह सेवा और श्रम संस्थान (डीजीएफएएसएलआई), खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को जागरूकता सत्र आयोजित करने और अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशिष्ट मॉड्यूल शामिल करने के निर्देश भी जारी किए हैं. जिससे श्रमिकों को हीटवेव के कारणों और प्रभावों की जानकारी देने, गर्मी से शारीरिक-मानसिक तनाव (हीट स्ट्रेस) की पहचान, निवारक रणनीतियों और हीटवेव के प्रतिकूल प्रभावों और उनसे बचाव उपायों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है.
बचाव और अन्य उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश
श्रम कल्याण महानिदेशालय और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत आने वाले अस्पतालों और डिस्पेंसरी को भी लू लगने के मामले में समर्पित चिकित्सा सेवा व्यवस्था करने और शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरा करने में मदद करने वाले ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) की पर्याप्त व्यवस्था, आइस पैक और गर्मी से बीमार पड़ने की स्थिति से बचाव के अन्य उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि कई राज्यों ने हीटवेव से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है. दिल्ली सरकार भी कार्य योजना के तहत पानी की समुचित व्यवस्था करने, गर्मी से बचने के लिए शेल्टर बनाने और अन्य जरूरी उपाय अपनाने का निर्देश जारी किया है.