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Dowry Cases: सरकार की रिपोर्ट से खुलासा, दहेज की वजह से UP में हर दिन 6 महिलाओं की गई जान, देखें आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में दहेज से मौत के 7,466 मामले, 2018 में 7,167 मामले, 2019 में 7,141 मामले, 2020 में 6,966 मामले और 2021 में 6,753 मामलों की सूचना मिली.

देश में वर्ष 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से मौत के लगभग हर दिन करीब 20 मामलों की सूचना मिली और उत्तर प्रदेश में हर दिन दहेज से सर्वाधिक छह मौत की खबर आई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से मौत के 35,493 मामलों का पता चला.

दहेज के कारण हर दिन 6 महिलाओं की गई जान

सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में दहेज से मौत के 7,466 मामले, 2018 में 7,167 मामले, 2019 में 7,141 मामले, 2020 में 6,966 मामले और 2021 में 6,753 मामलों की सूचना मिली. अजय मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इन पांच वर्ष के दौरान हर दिन दहेज से सर्वाधिक छह मौत की खबर आई. उन्होंने बताया कि 2017 से 2021 के दौरान दहेज के कारण मौत के बिहार में 5,354 मामले, मध्य प्रदेश में 2,859 मामले, पश्चिम बंगाल में 2,389 मामले और राजस्थान में 2,244 मामलों की सूचना मिली.

जानें क्या है दहेज से जुड़ा कानून

दहेज प्रताड़ना को लेकर दहेज निषेध कानून 1961 के साथ आईपीसी की धारा 304 बी और धारा 498ए के तहत कानूनी प्रावधान किए गए हैं. दहेज प्रताड़ना से जुड़े मामले में अपराधी को कम से कम 5 साल की सजा का प्रवाधान है. इसके अलावा दहेज के रूप में पैसे या किसी भी रूप में दिेए गए उपहार भी यदी 15 हजार रुपये से अधिक हो, तो भी उस रकम से ज्यादा के सजा हो सकती है.

आरोप साबित होने पर मिलेगी कठोर सजा

बाताते चले कि आईपीसी की धारा 498ए दहेज से जुड़ी है. इस कानून के तहत महिला के पति या उसके रिश्तेदारों की ओर से दहेज की मांग करने पर कठोर सजा का प्रावधान है. इसके अलावा आईपीसी की धारा 406के तहत महिला के पति को दिए उपहार लौटाने से भी मना करते हैं, तो भी इस कानून के तरह सजा दी जा सकती है.

(भाषा- इनपुट के साथ)

Piyush Pandey
Piyush Pandey
Senior Journalist, tech enthusiast, having over 10 years of rich experience in print and digital journalism with a good eye for writing across various domains.

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