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पंजाब की सरकार पहले सरकारी शिक्षण संस्थानों की स्थिति सुधारे फिर प्राइवेट संस्थानों की तरफ ध्यान दे : बलजिंदर कौर

कैप्टन अमरिंदर सिंह कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए प्राइवेट यूनिवर्सिटीओं का निर्माण करवा रहे हैं. प्रोफेसर कौर ने कहा, कैप्टन सरकार जिस उत्साह से मोहाली में एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना के के लिए विधेयक ला रही है, वह नैतिक रूप से बिल्कुल गलत है.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान मोहाली में एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक प्रोफेसर बलजिंदर कौर ने कहा ,अभी राज्य की सारी सरकारी यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट का सामना कर रही है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए प्राइवेट यूनिवर्सिटीओं का निर्माण करवा रहे हैं. प्रोफेसर कौर ने कहा, कैप्टन सरकार जिस उत्साह से मोहाली में एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना के के लिए विधेयक ला रही है, वह नैतिक रूप से बिल्कुल गलत है.

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उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादा विश्वविद्यालय होना पंजाब के युवाओं के लिए अच्छी बात है, लेकिन सरकारी विश्वविद्यालयों को बर्बाद करके प्राइवेट विश्वविद्यालय को लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. आज पंजाब के सारे सरकारी विश्वविद्यालय वित्तीय बोझ से दबे हुए हैं लेकिन कैप्टन सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है. जबकि प्राइवेट विश्वविद्यालय लाने के लिए कैप्टन बेहद उत्साहित हैं . यह कैप्टन की कॉरपोरेट समर्थक मानसिकता को उजागर करता है.

उन्होंने कहा कैप्टन के गृह शहर पटियाला में पंजाबी विश्वविद्यालय का वित्तीय संकट के कारण हालत खराब है. सरकार द्वारा संचालित पंजाबी यूनिवर्सिटी अभी लगभग पौने चार सौ करोड़ के वित्तीय बोझ से दबा हुआ है. लेकिन कैप्टन सरकार ने उसके लिए कोई फंड की व्यवस्था नहीं की. सरकारी यूनिवर्सिटी की हालत ठीक करने के बजाय कैप्टन सरकार प्राइवेट यूनिवर्सिटी लाने के लिए व्याकुल है.

उन्होंने कहा कि 24 जून 2020 को पंजाबी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया था कि वह यूनिवर्सिटी की हालत ठीक करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करें. यूनिवर्सिटी की हालत ऐसी हो गई है कि अपने स्टाफ को वेतन देने के लिए भी उसके पास पैसे नहीं है. लेकिन कैप्टन ने पंजाबी यूनिवर्सिटी के वित्तीय संकट दूर करने के लिए आज तक कोई उपाय नहीं किया. सरकारी संस्थानों को वित्तीय संकट की हालत में छोड़कर प्राइवेट संस्थानों की स्थापना करना पंजाब के युवाओं और छात्रों के साथ विश्वासघात करना है.

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उन्होंने कहा कि पंजाब के आम और गरीब लोग उच्च शिक्षा के लिए सरकारी यूनिवर्सिटीओं पर ही निर्भर हैं. लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैप्टन सरकार ने सरकारी विश्वविद्यालयों के आर्थिक संकट का समाधान नहीं किया और उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया. अभी सरकार को पहले सरकारी शिक्षण संस्थानों की समस्याओं को दूर करने के उपाय करने चाहिए, फिर प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को लाने पर विचार करना चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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