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Good News: मैक्रो इंडिकेटर दे रहा है सकारात्मक संकेत, रिकवरी के रास्ते पर कारोबारी गतिविधियां, रियल इस्टेट सेक्टर में भी तेजी

देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के धीरे-धीरे कम होने के साथ ही राज्यों द्वारा लॉकडाउन में छूट दिये जाने से मई की तुलना में जून के महीने में कई मैक्रो इंडिकेटर्स जैसे ईवे बिल का बढ़ना, पेट्रोल-डीजल और बिजली की खपत में सकारात्मक रुख दिख रहा. ये इस बात की ओर इशारा कर रहे कि देश की आर्थिक गतिविधियां व कारोबार एक बार फिर से पटरी पर लौट रही हैं.

देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के धीरे-धीरे कम होने के साथ ही राज्यों द्वारा लॉकडाउन में छूट दिये जाने से मई की तुलना में जून के महीने में कई मैक्रो इंडिकेटर्स जैसे ईवे बिल का बढ़ना, पेट्रोल-डीजल और बिजली की खपत में सकारात्मक रुख दिख रहा. ये इस बात की ओर इशारा कर रहे कि देश की आर्थिक गतिविधियां व कारोबार एक बार फिर से पटरी पर लौट रही हैं.

एक ओर जहां यात्री वाहनों की 85 प्रतिशत डीलरशिप फिर शुरू हो चुकी हैं, वहीं दूसरी ओर रियल इस्टेट सेक्टर में भी जून के महीने में अच्छी तेजी दिखी है. अप्रैल से जून की अवधि में देश के शीर्ष सात शहरों में बिकी लगभग 24,570 आवासीय इकाइयों में से करीब 55% से अधिक जून में बिकी है. अप्रैल के महीने में यह बिक्री में लगभग 30% थी. समार्टफोन की बिक्री में भी जून में बड़ी रिकवरी दिखायी दी है.

आवासीय यूनिट्स व स्मार्टफोन की बिक्री भी बढ़ी

इवे बिल : जून में 20 तारीख तक 3.37 करोड़ इवे बिल जारी हो चुके हैं, जबकि मई में यह 2.47 करोड़ थी. यानी इसमें करीब 34.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मई के 12.8 लाख प्रतिदिन इवे बिल की तुलना में जून में औसतन 16.8 लाख इवे बिल जारी हुए हैं. उद्योग से जुड़े अधिकारियों को उम्मीद है कि टीकाकरण से इसमें आगे और सुधार होगा.

बिजली : जून की शुरुआत से बिजली की मांग बढ़ कर 3.9 बिलियन यूनिट प्रति दिन हो गयी है, जो मई में प्रति दिन 3.5 बिलियन यूनिट के निचले स्तर पर थी. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में मांग और मजबूत होगी. जून में सालाना बिजली की खपत में भी सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पर्यवेक्षकों को उम्मीद है कि बिजली की मांग में 4-5% की वृद्धि हो सकती है.

एविएशन सेक्टर : विमानन क्षेत्र, व्यावसायिक गतिविधियों का एक प्रमुख संकेतक है. इसमें जून के महीने में अब तक अच्छी रिकवरी देखी गयी है. जून के महीने में प्रतिदिन 1,00,00 से अधिक यात्रियों ने उड़ाने भरी जबकि मई में औसतन यात्रियों की संख्या 31,000 थी.

डिजिटल भुगतान : सभी क्षेत्रों में बढ़ी हुई व्यावसायिक गतिविधियों के संकेतों में यूपीआइ से किया गया डिजिटल पेमेंट भी है. जून के पहले 21 दिनों में डिजिटल पेमेंट मई की तुलना में 12.3% बढ़ गया है. आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान में क्रमश: 12.7% और 18.6% की वृद्धि दर्ज हुई.

पेट्रोलियम : एक महीने पहले की तुलना में जून के पहले 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल की बिक्री क्रमशः 12% और 13% बढ़ी है. उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि आगे लॉकडाउन में ढील दिये जाने से इनकी मांग और बढ़ने की उम्मीद है. इनका मानना है कि इनकी रिकॉर्ड ऊंची कीमत मांग को प्रभावित कर सकती है.

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar News Desk
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