Education: भारत में ब्रिटेन स्थित लिवरपूल विश्वविद्यालय का कैंपस खोलने का रास्ता साफ हो गया है. सोमवार को इस बाबत लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र(एलओआई) सौंपा गया. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) द्वारा भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियम, 2023 के तहत आशय पत्र हासिल करने वाला दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र (एलओआई) सौंपे जाने के समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आशय पत्र वैश्विक उच्च शिक्षा में भारत के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरने की पुष्टि करता है.
यह कदम अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है. नयी शिक्षा नीति 2020 का सही तरीके से क्रियान्वयन इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगा. नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत जमीनी, भविष्योन्मुखी और वैश्विक शिक्षा प्रमुख है और इसका उद्देश्य वैश्विक नागरिक तैयार करना है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लिवरपूल विश्वविद्यालय नवाचार को बढ़ावा देने वाले विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) संबंधित अनुसंधान पर फोकस करेगा.
इस शैक्षणिक वर्ष तक 15 विदेशी विश्वविद्यालय के भारत में कैंपस खोलने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त, सीबी ओबीई लिंडी कैमरून, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतरिम अध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग सचिव डॉक्टर विनीत जोशी, लिवरपूल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टिम जोन्स, लिवरपूल विश्वविद्यालय में वैश्विक जुड़ाव और भागीदारी के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर तारिक अली के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकारी मौजूद रहे.
अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेंगलुरु में लिवरपूल विश्वविद्यालय का परिसर एक वैश्विक कैंपस होगा जो अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने का काम करेगा. यह वैश्विक कल्याण के साथ ही समृद्धि में योगदान देने के लिए वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने में मदद करेगा. स्थिरता, स्वास्थ्य और कल्याण तथा समृद्धि मौजूदा समय में दुनिया का साझा एजेंडा है और विश्वविद्यालय इसके केंद्र हैं. विनीत जोशी ने कहा कि आशय पत्र सौंपा जाना केवल औपचारिकता भर नही है, बल्कि यह भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में चल रहे व्यापक और गहरे परिवर्तन को दर्शाता है. यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को बेंगलुरु में पहला विदेशी विश्वविद्यालय परिसर खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से औपचारिक स्वीकृति मिल गई है.
अगस्त 2026 में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों के पहले समूह के लिए शुरुआत में छात्र व्यवसाय प्रबंधन, लेखा और वित्त, कंप्यूटर विज्ञान और जैव चिकित्सा विज्ञान में कार्यक्रम दाखिला ले सकेंगे. गेम डिजाइन में एक कार्यक्रम भी शुरू होगा, जो भारत में ब्रिटिश विश्वविद्यालय परिसर के लिए यह नया विषय पेश करने की एक अनूठी पेशकश है.
नया परिसर समृद्ध वैश्विक आदान-प्रदान के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे ब्रिटेन के छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के लिए एक नया गंतव्य मिलेगा.
बेंगलुरु परिसर में शोध-केंद्रित माहौल तैयार किया जाएगा. लिवरपूल और दुनिया भर में शैक्षणिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर और सफल होने के लिए आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करेगी. वैश्विक उद्योग मानकों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए पाठ्यक्रम और विविध संकाय से पढ़ने वाले छात्र अंतरराष्ट्रीय नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और वैश्विक कार्यबल में सार्थक योगदान देने के लिए पूरी तैयार होकर स्नातक की डिग्री हासिल करेंगे.

