DU: दिल्ली को दुनिया का नॉलेज हब बनाने बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. इस काम में दिल्ली विश्वविद्यालय की भूमिका अहम होगी. देश का कोई ऐसा जिला या गांव नहीं होगा जहां दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़े छात्र नहीं हों. यह एक विश्वविद्यालय नहीं, बल्कि लघु भारत है. यहां प्रत्यक्ष और ओपन लर्निंग मोड में लगभग 7 लाख छात्र पढ़ते हैं. साथ ही लगभग 85 देशों के छात्र भी पढ़ाई करते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के 101 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात कही. इस दौरान उन्होंने एक क्लिक करके 166494 छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान की और 10 प्रतिभाशाली छात्रों को मेडल दिया. शिक्षा मंत्री ने ग्रेजुएट छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डिग्री मिलने के बाद छात्र नये जीवन में प्रवेश कर रहे हैं. आने वाले समय में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों में से कोई देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.
डीयू की पूर्व छात्र रेखा गुप्ता के दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देते हुए कहा कि यह डीयू के लिए गौरव का क्षण है. पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि डीयू से निकल कर अनेकों विभूतियों ने देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि भारत को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गयी है. देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र तभी बन सकता है, जब डीयू के नेतृत्व में एनईपी को पूरे देश में सही से लागू किया जाए.
देश हित में काम करें छात्र

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय के 102 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का विस्तृत विवरण देते हुए छात्रों से कहा कि पेड़ जितना ऊंचा होता है, उसकी जड़ें भी उतनी गहरी होनी चाहियें, नहीं तो एक ही आंधी में वह गिर जाएगा. इसलिए छात्रों को भी गहरी जड़ों वाले पेड़ बनना है. यदि मन में आनंद और विश्व कल्याण की भावना हो तभी छात्र अच्छा कर पाएंगे. अपने हित और देश हित में कोई विरोध नहीं होना चाहिए. यदि विरोध हो तो आपको अपना हित छोड़ कर देश का हित देखना चाहिए. कुलपति ने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक को पढ़ाने में आनंद आना चाहिए. अगर किसी शिक्षक को पढ़ाने में में आनंद नहीं आता तो फिर वह गलत प्रोफेशन में आ गया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के 101 वें दीक्षांत समारोह में 316 लड़के और और 307 लड़कियों को पीएचडी डिग्री प्रदान की गयी. डीयू के रेगुलर छात्रों और एनसीडबल्यूईबी के छात्रों को मिलाकर कुल 83902 छात्रों को डिग्री दी गयी, जिनमें से 77227 स्नातक, 6646 स्नातकोत्तर और 29 पांच वर्षीय प्रोग्रामों के छात्र शामिल हैं.