Donald Trump Tariff Threat: एएनआई से बात करते हुए तुलसी गबार्ड ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है. उन्होंने कहा, ” पिछले कुछ दिनों में मैंने जिन भारतीय सरकारी अधिकारियों से बात की है, उनसे मुझे पता चला है कि यहां एक अवसर है. हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की अधिक संभावना है और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वे इसे नकारात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाय अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, जब हम टैरिफ को देखते हैं.”
जो ट्रंप अमेरिका के लिए चाहते हैं, वही पीएम मोदी भारत के लिए चाहते हैं : गबार्ड
तुलसी गबार्ड ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच समानता की बात करते हुए कहा- जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के लिए उपलब्ध अवसरों के सर्वोत्तम हित में क्या है, इस पर ध्यान दे रहे हैं. इसी तरह, राष्ट्रपति ट्रंप संयुक्त राज्य अमेरिका , हमारे आर्थिक हितों और अमेरिकी लोगों के हितों के लिए भी यही कर रहे हैं.” अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी दोनों ही अच्छे समाधान की तलाश में हैं. “मैं जो सबसे सकारात्मक बात देखती हूं, वह यह है कि हमारे पास दो नेता हैं, जिनमें सामान्य ज्ञान है और जो अच्छे समाधान की तलाश में हैं. यह सीधा संवाद हमारे दोनों देशों में शीर्ष स्तर पर हो रहा है.
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मैं अमेरिका-भारत साझेदारी में अवसर के अलावा कुछ नहीं देखती : गबार्ड
एनएसए अजीत डोभाल और इंटेल प्रमुखों के साथ अपनी बैठक पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा, “यहां मेरी जो बैठकें हुई हैं, वे इस आधार पर स्थापित हुई हैं कि हम किस प्रकार अपने संबंधों को एकीकृत और सुदृढ़ बना सकते हैं, न केवल खुफिया क्षेत्र में बल्कि वाणिज्य, व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में भी. मैं अमेरिका-भारत साझेदारी में अवसर के अलावा कुछ नहीं देखती हूं.”
भगवद् गीता की शिक्षाओं का बुरे समय में सहारा लेती हूं : गबार्ड
ANI के साथ एक इंटरव्यू में, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा, “चाहे विश्व के विभिन्न भागों में युद्ध क्षेत्रों में सेवा करना हो या वर्तमान में हमारे सामने आने वाली चुनौतियां हों, यह भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को भगवद् गीता में दी गई शिक्षाएं ही हैं, जिनका मैं अपने सबसे अच्छे और सबसे बुरे समय में सहारा लेती हूं.”