Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और संबंधित अधिकारियों को दिल्ली NCR में एयर-पॉल्यूशन लेवल कम करने के लिए अपने एक्शन-प्लान पर फिर से विचार करने का सुझाव दिया है, ताकि यह देखा जा सके कि इससे कोई असरदार बदलाव आया है या नहीं.
एक्शन-प्लान पर फिर से विचार क्यों नहीं करते : सुप्रीम कोर्ट
CJI सूर्यकांत शर्मा ने केंद्र से कहा- आप अपने एक्शन-प्लान पर फिर से विचार क्यों नहीं करते ताकि आप खुद देख सकें कि क्या आपने कोई असरदार बदलाव लाए हैं? और अगर लाए हैं तो क्या वे ज़रूरत से कम हैं? हमें लगता है कि यह देखना ज़रूरी है कि आपका कोई एक्शन प्लान असरदार या बेअसर या कम असरदार साबित हुआ है या नहीं? आपकी हिचकिचाहट, भरोसे के बावजूद कि क्या आप असरदार बदलाव ला पाएंगे, क्या एक्शन प्लान पर फिर से विचार करना सही नहीं है? आपने अब तक जो कदम उठाए हैं, उनका मूल्यांकन करें.
वायु प्रदूषण मामले में अब हर महीने दो बार सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह एयर-पॉल्यूशन मामले पर हर महीने कम से कम दो बार सुनवाई करेगा. उसने माना कि सर्दियों के मौसम के बाद हालात ठीक हो सकते हैं, लेकिन इस मामले में इतिहास खुद को दोहराएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- पराली जलाने के अलावा वायु प्रदूषण के और कौन से कारण?
सुप्रीम कोर्ट ने CAQM की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि पराली जलाने के अलावा, एयर पॉल्यूशन बढ़ने में और कौन से कारण हैं.
किसानों पर दोष मढ़ना बहुत आसान: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उस तबके (किसानों) पर दोष मढ़ना बहुत आसान है जिनका हमारे सामने कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बढ़ते एयर-पॉल्यूशन के पीछे पराली जलाने के अलावा दूसरे फैक्टर्स का साइंटिफिक एनालिसिस भी देखना होगा. SC ने कहा, पराली जलाना तो आम बात थी. 4-5 साल पहले लोग नीला आसमान क्यों देख सकते थे. अब क्यों नहीं देख सकते?

