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कोरोना वायरस के नये स्वरूप से भारत को कितना खतरा ? इजराइल में मिला संक्रमित, इन देशों ने बंद की उड़ानें

क्या कोरोना वायरस के नये स्वरूप बी.1.1.529 से भारत को भी खतरा है. इस सवाल का जवाब देश के लोग जानना चाहते हैं.

कोरोना वायरस के नये स्वरूप बी.1.1.529 से फिलहाल भारत के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. इस संबंध में अधिकारिक जानकारी ये आ रही है कि कोविड-19 के नये स्‍वरुप (COVID19 variant B.1.1.529 ) का कोई भी मामला देश में नहीं पाया गया है. इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO, डब्ल्यूएचओ) दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर पैनी नजर रखे हुए है. शुक्रवार को यानी आज इस संबंध में ‘विशेष बैठक’ होने जा रहा है जिसमें विचार किया जाएगा कि बहुत अधिक बदलाव से पैदा हुए स्वरूप को ‘चिंतित करने वाले स्वरूप’ की सूची में डाला जाए या नहीं.


कहां पाया गया है बी.1.1.529

अबतक मिली जानकारी के मुताबिक यह स्वरूप सबसे अधिक बदलाव की वजह से सामने आया है. सबसे पहले इसकी पहचान इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में की गई थी और पहले ही बोत्सवाना सहित कई पड़ोसी देशों में पांव पसार चुका है. वहां पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप पूरी तरह से वैक्सीन ले चुके लोगों को भी चपेट में ले रहा है.

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क्‍या कह रहे हैं वैज्ञानिक

कोरोना के इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वायरस के नये स्वरूपों की संख्या बढ़ सकती है जो वैक्‍सीन के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं और उनके प्रसार की दर और अधिक हो सकती है. यही नहीं कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है.


ये देश सतर्क , इजराइल में मिला संक्रमित

नया वेरिएंट सामने आने के बाद यूके ने 6 अफ्रीकी देशों के लिए उड़ानें बंद कीं हैं. एएफपी के अनुसार जर्मनी ने भी दक्षिण अफ्रीका से अधिकांश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. इटली ने कोविड-19 के नये स्‍वरूप को लेकर दक्षिणी अफ्रीका से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया है. इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मलावी से लौटा यात्री कोरोना वायरस के नये स्वरूप से संक्रमित पाया गया है.

मुख्‍य बिंदु पर एक नजर: डब्ल्यूएचओ में संक्रामक बीमारी महामारी और कोविड-19 तकनीकी समूह का नेतृत्व कर रही मारिया वान केरखोवे ने क्या कहा

1. 100 से भी कम स्वरूप का जीनोम अनुक्रमण उपलब्ध है. हम इसके बारे में अबतक नहीं जानते हैं. हम यह जानते हैं कि इस स्वरूप में अनुवांशिकी रूप से अधिक बदलाव नजर आ रहे हैं.

2. जब कई स्वरूप होते हैं तो चिंता होती है कि कोरोना वायरस के व्यवहार पर यह कैसे असर डालेगा.

3. अनुसंधानकर्ता मिलकर यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि ये बदलाव और स्पाइक प्रोटीन कहा हैं और इनका पता लगाने की पद्धति, इलाज और टीका क्या हो सकता है.

4. डब्ल्यूएचओ के वायरस के विकासक्रम पर गठित तकनीकी सलाहकार समूह अपने दक्षिणी अफ्रीकी सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा है.

Posted By : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar Digital Desk
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