26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chandrayaan-3: चांद पर शिव-शक्ति पॉइंट के आसपास घूम रहा रोवर, जानें क्या है चुनौती और 14 दिन के बाद होगा क्या

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक ‘‘असाधारण क्षण’’ और अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का ‘‘शंखनाद’’ करार देते हुए पीएम मोदी भावुक हो गये. इसरो ने ताजा वीडियो किया जारी

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रच दिया था. भारत ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र देश बन गया. इसके बाद से लगातार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रज्ञान रोवर के संबंध में जानकारी मुहैया करा रहा है. ISRO ने एक लेटेस्ट वीडियो शनिवार को ट्वीट किया और लिखा कि दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है!

इससे पहले ISRO ने शुक्रवार को अपडेट दिया था कि रोवर लगभग 8 मीटर चांद पर चल चुका है. इसके अलावा इसमें लगे दो प्लेलोड्स को भी ऐक्टिव कर दिया है और वे भी डेटा इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं. यहां चर्चा कर दें कि 14 दिन में रोवर कुल 500 मीटर की दूरी तक चलेगा.

क्या है बड़ी चुनौती

बताया जा रहा है कि चांद पर सबसे बड़ी चुनौती भूकंप की है. लैंडर और रोवर दोनों के बीच कम्युनिकेशन बहुत ही जरूरी है. इसके बाद ही धरती पर सही आंकड़े आते रहेंगे. अध्ययन करने वालों की मानें तो चंद्रमा पर लगातार भूकंप आते रहते हैं. ऐसे में आपस में संपर्क बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है. यही नहीं चंद्रमा पर कई बार उल्कापिंड भी टकरा जाते हैं जिससे सुरक्षित रहना भी एक चुनौती है. चांद पर वायुमंडल नहीं होने की वजह से उल्कापिंड रास्ते में नहीं नष्ट होते बल्कि सीधा सतह से टकरा जाते हैं.

Undefined
Chandrayaan-3: चांद पर शिव-शक्ति पॉइंट के आसपास घूम रहा रोवर, जानें क्या है चुनौती और 14 दिन के बाद होगा क्या 3

14 दिन के बाद रोवर प्रज्ञान और लैंडर का क्या होगा?

चंद्रयान-3 मिशन की बात करें तो इसमें 14 दिन का ही प्लान बनाया गया है. जब तक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर दिन रहेगा लैंडर और रोवर दोनों ही अपने लिए एनर्जी जनरेट करने का काम करेंगे और काम करते रहेंगे. चांद के उस हिस्से पर अंधेरा होने के बाद ये दोनों ही काम करने में विफल होंगे. हालांकि जब 14 दिन की रात के बाद दोबारा दिन होगा तो देखना होगा कि फिर से ये काम शुरू करते हैं या इनमें काम करने की क्षमता नष्ट हो चुकी होगी. यदि लैंडर और रोवर दोबारा ऐक्टिव हो जाते हैं तो यह इसरो के लिए दूसरी बड़ी उपलब्धि होगी जिसके बाद भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, साथ ही पूरी दुनिया इसरो का लोहा मानने लगेगी. हालांकि इतने कम तापमान में इन दोनों का सुरक्षित रहना बेहद चुनौतीपूर्ण है.

Undefined
Chandrayaan-3: चांद पर शिव-शक्ति पॉइंट के आसपास घूम रहा रोवर, जानें क्या है चुनौती और 14 दिन के बाद होगा क्या 4

लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिवशक्ति’ पॉइंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिवशक्ति’ पॉइंट रखा जाएगा और 23 अगस्त का दिन ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. शिखर वार्ता के बाद आज सुबह यूनान की राजधानी एथेंस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए और उनसे बातचीत करते हुए यह घोषणा की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें