Census 2027 Date: जनगणना को लेकर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, सरकार ने 2027 में जनगणना कराने का फैसला किया है. जनगणना कराने का सरकार का इरादा 16 जून, 2025 के गजट में नोटिफाई कर दिया गया है. जनगणना 2027 दो फेज में होगी.
2027 की जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2027 की जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिसमें मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाएगा और स्व-गणना के लिए ऑनलाइन प्रावधान होगा.
जनगणना 2027 फेज I
फेज I में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस, जो अप्रैल से सितंबर, 2026 तक राज्य/UT सरकारों की सुविधा के हिसाब से 30 दिनों के समय में होगा.
जनगणना 2027 फेज II
फेज II में पॉपुलेशन एन्यूमरेशन (PE) होगा. आबादी की गिनती फरवरी 2027 में होगी, जिसका रेफरेंस 1 मार्च, 2027 होगा, सिवाय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फ से ढके नॉन-सिंक्रोनस इलाकों के, जहां यह सितंबर, 2026 में होगी, जिसका रेफरेंस डेट 1 अक्टूबर, 2026 होगी.
जाति की गिनती पर सरकार ने क्या बताया?
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा, जनगणना 2027 में जाति की गिनती कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स के 30.04.2025 के फैसले के अनुसार की जाएगी. जनगणना के सवाल फाइनल होने के बाद नोटिफाई किए जाएंगे. जनगणना एक्ट, 1948 के सेक्शन 8 के सब-सेक्शन (2) के तहत, जवाब देने वाले को अपनी जानकारी या विश्वास के अनुसार सवालों का जवाब देना जरूरी है.
जनगणना का इतिहास 150 वर्षों से भी अधिक पुराना : मंत्री
मंत्री नित्यानंद राय ने उल्लेख किया कि जनगणना का इतिहास 150 वर्षों से भी अधिक पुराना है और प्रत्येक जनगणना में पिछली जनगणनाओं के अनुभवों का ध्यान रखा जाता है. एक अलग प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 30 अप्रैल को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, जनगणना में जातिवार गणना भी की जाएगी.
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