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लालकिला हिंसा मामले में एक और आरोपी बूटा सिंह पंजाब से गिरफ्तार, पांच महीने से दिल्ली पुलिस को दे रहा था चकमा

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बूटा सिंह पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था. उन्होंने दावा किया कि पुलिस की टीम जब उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके पैतृक गांव पहुंची, तो उसके परिवार और पड़ोसियों ने उसकी गिरफ्तारी में बाधा डालने की कोशिश भी की. पुलिस ने कहा कि बूटा सिंह केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान लालकिले में मौजूद था.

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के शुरुआती महीनों में गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान लालकिला पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी को पंजाब से गिरफ्तार किया है. मीडिया की खबरों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोप में पंजाब से 26 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी पिछले पांच महीनों से पुलिस को चकमा दे रहा था. इस आरोपी का नाम बूटा सिंह बताया जा रहा है.

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी बूटा सिंह पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था. उन्होंने दावा किया कि पुलिस की टीम जब उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके पैतृक गांव पहुंची, तो उसके परिवार और पड़ोसियों ने उसकी गिरफ्तारी में बाधा डालने की कोशिश भी की. पुलिस ने कहा कि बूटा सिंह केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान लालकिले में मौजूद था.

पुलिस का दावा है कि आरोपी बूटा सिंह ने लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराया था. यह गिरफ्तारी लालकिला हिंसा मामले के एक दूसरे आरोपी गुरजोत सिंह को अमृतसर में गुरुद्वारा श्री तूत साहिब के पास से स्पेशल सेल द्वारा पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद हुई है. गुरजोत सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम था.

क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने कहा कि हमें बूटा सिंह के बारे में विशेष जानकारी मिली. जानकारी के आधार पर एक टीम को पंजाब भेजा गया, जो उसका पता लगाने में कामयाब रही. इसके बाद तलवंडी सोभा सिंह स्थित उसके गांव में छापेमारी की गई. उन्होंने कहा कि हालांकि, हमारी टीम को उसके परिवार और पड़ोसियों के कड़े विरोध का सामना भी करना पड़ा, जिन्होंने बूटा सिंह को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की.

क्राइम ब्रांच की डीसीपी ने बताया कि उन्होंने अपने ट्रैक्टरों से सड़कों को जाम करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय पुलिस की मदद से हमारी टीम आखिरकार आरोपी बूटा सिंह के साथ गांव से बाहर निकलने में सफल रही. उन्होंने कहा कि बूटा सिंह को लालकिले पर अपने सहयोगियों के साथ उस वीडियो में देखा गया था, जिसमें वह दावा करते हुए दिखाई दे रहा है कि उन्होंने मुख्य ध्वजारोहण क्षेत्र में धार्मिक झंडा फहराया है.

उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि विभिन्न समूहों के फेसबुक पोस्ट देखकर वह कट्टर बना. वह अक्सर सिंघू बॉर्डर जाता था और वहां के नेताओं के भाषणों से काफी प्रेरित होता था. पुलिस के अनुसार, योजना के तहत सिंह ने अपने पांच-छह सहयोगियों और अन्य अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के साथ लालकिले में प्रवेश किया और वहां हंगामा किया.

भारद्वाज ने कहा कि झंडा फहराने के उसके कार्य ने पहले से ही हिंसक प्रदर्शनकारियों को लालकिले पर और अधिक तबाही मचाने के लिए प्रेरित किया, जो वहां गणतंत्र दिवस सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों एवं अन्य कर्मियों के खिलाफ हर तरह की हिंसा में शामिल थे और जिन्होंने ऐतिहासिक स्मारक लालकिले को नुकसान पहुंचाया था.

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Posted by : Vishwat Sen

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