15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आखिर कन्हैया कुमार ने लेफ्ट को छोड़कर क्यों थामा कांग्रेस का दामन? जानिए उठ रहे सवालों के जवाब

खुद के प्रति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बदलती सोच की वजह से कन्हैया कुमार उपेक्षित महसूस करने लगे और फिर...

नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्र राजनीति से अचानक सियासत के राष्ट्रीय फलक पर चमकने वाले कन्हैया कुमार अब कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. वामदल में रहते हुए अपने भाषणों के जरिए कम समय में उन्होंने कामयाबी के जिस मुकाम को छुआ और अब वे कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं, तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सियासी गलियारों और राजनीतिक विश्लेषकों में चर्चा होने लगी कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि कन्हैया कुमार वामदल को छोड़कर कांग्रेस में आ गए?

लोकप्रियता बनी राह का कांटा

राजनीति के जानकारों और पार्टी सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों पर यकीन करें, तो अपने जोरदार भाषणों के बूते हिंदीभाषी राज्यों में लगातार अपनी पकड़ बनाते जा रहे कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के आला नेताओं की आंखों में खटकने लगे. उनकी जनसभाओं में लोगों की भीड़ देखकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में घबराहट दिखने लगी. खुद के प्रति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बदलती सोच की वजह से कन्हैया कुमार उपेक्षित महसूस करने लगे. वे पार्टी में अपने लिए एक अहम भूमिका चाहते थे, लेकिन इस मसले पर पार्टी नेतृत्व के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो गई. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विचारधारा को प्राथमिकता दी.

फरवरी में पार्टी ने कन्हैया के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

मीडिया की खबरों के अनुसार, इसी साल की फरवरी में हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी. इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. बैठक में पार्टी के 110 सदस्यों की मौजूदगी में तीन को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया था.

पार्टी में खटपट के बाद प्रशांत किशोर से की मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी के बाद पार्टी में खुद के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद कन्हैया कुमार ने सबसे पहले जदयू नेता और बिहार में नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की थी. उस समय कहा जा रहा था कि वे जदयू में शामिल होंगे, जिसका बाद में खंडन भी किया गया था. इसके बाद उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर की सिफारिश के बाद राहुल गांधी ने कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल करने पर अपनी सहमति जाहिर की.

Also Read: Kanhaiya Kumar: AICC के बाहर लगे कन्हैया कुमार के पोस्टर, आज दोपहर बाद थामेंगे कांग्रेस का दामन
कन्हैया कुमार के जाने से सीपीआई पर नहीं पड़ेगा कोई असर

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार को सीपीआई की ओर से देशभर में बड़ी रैलियों में शामिल होने का मौका दिया गया. यहां तक कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता गिरिराज सिंह के मुकाबले मैदान में उतारा गया, लेकिन अब जब वे कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, तो इससे पार्टी के क्रियाकलापों पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसका कारण यह है कि पार्टी किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि कैडर और विचारधारा से चलती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel