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AAP: पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं पर कार्रवाई करेगी आप

आदमी पार्टी मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षक, अध्यक्ष और संगठन मंत्री शामिल हुए और सभी की ओर से अपनी-अपनी विधानसभाओं की रिपोर्ट पेश की गयी.

AAP:दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी हार के कारणों की समीक्षा में जुटी है. पार्टी हार के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने की कोशिश में जुट गयी है. इस कड़ी में बुधवार को आदमी पार्टी मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कार्यकारिणी की बैठक हुई.

बैठक में दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षक, अध्यक्ष और संगठन मंत्री शामिल हुए और सभी की ओर से अपनी-अपनी विधानसभाओं की रिपोर्ट पेश की गयी. इस रिपोर्ट के आधार पर अब आगे की रणनीति तय होगी. बैठक की जानकारी देते हुए दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि बैठक में संगठन के पुनर्गठन से पहले सभी पदाधिकारियों को अगले दस दिनों में चुनाव में अपनी भूमिका पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि 

चुनाव में पार्टी के लोगों की भूमिका पर रिपोर्ट आने के बाद पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और इसके बाद अरविंद केजरीवाल संगठन का पुनर्गठन करेंगे. गौरतलब है कि दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. जानकार पार्टी की हार की वजह भ्रष्टाचार और विकास की कमी होना बता रहे हैं.


शपथ ग्रहण तय लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा पता नहीं

गोपाल राय ने कहा कि भाजपा की ओर से शपथ ग्रहण की तारीख तय कर दी गयी है. इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही है और लोगों को निमंत्रण भी दिया जा रहा है. लेकिन भाजपा अभी तक यह तय नहीं कर पायी है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने कहा कि किसी परिवार, किसी राज्य या देश के स्तर पर भी यह पहला निमंत्रण पत्र है, जिसके वितरण के बाद भी पता नहीं है कि मुख्यमंत्री कौन है? विधायक दल की बैठक से पहले ही शपथ ग्रहण का कार्ड भाजपा बांट रही है. जबकि पहले भाजपा को विधायक दल का नेता तय करना चाहिए था.

संविधान के तहत विधायक दल का नेता सरकार बनाने के लिए उपराज्यपाल के पास दावा पेश करता है और फिर शपथ ग्रहण की तारीख तय होती है. केंद्र में भाजपा सरकार होने का यह मतलब नहीं है कि सरकार गठन की प्रक्रिया का पालन नहीं हो. राय ने नेता प्रतिपक्ष के चयन पर कहा कि सरकार के मुखिया का चयन होते ही नेता प्रतिपक्ष तय हो जायेगा. इस बार के चुनाव में आम आदमी के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और गोपाल राय के अलावा पार्टी के अधिकांश बड़े चेहरे चुनाव हार गए हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है.

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