नयी दिल्ली: संसद में गुरुवार को प्रेग्नेंट महिलाओं की मैटरनिटी लीव से जुड़ा संशोधित बिल पास हुआ. इस बिल के तहत अब प्रेग्नेंट महिलाओं को 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिलेगी. आपको बता दें कि इससे पहले प्रेग्नेंट महिलाओं को 12 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिलती थी. इस बिल के आ जाने से देश की 18 लाख महिला कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
गुरुवार को प्रेग्नेंट महिलाओं को मैटरनिटी लीव से जुड़ा संशोधित बिल संसद में पास हुआ जिसके मुताबिक, पहले दो बच्चों के लिए 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव उन्हें मिल सकेगी. यहां उल्लेख कर दें कि तीसरे या इससे ज्यादा बच्चों के लिए नये नियमों का फायदा नहीं मिल पाएगा. नियमों को नहीं मानने पर कर्मचारी को 3 से 6 महीने की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माने हो सकता है.
गौर हो कि मैटरनिटी बेनिफिट (एमेंडमेंट) बिल, 2016 पिछले साल अगस्त में राज्यसभा में पास हो गया था जिसके बाद से इसे लोकसभा में रखा गया था. 4 घंटे की चर्चा के बाद यह गुरुवार को पास हुआ. इस बिल के पास हो जाने से अब भारत सबसे ज्यादा मैटरनिटी लीव देने वाले देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है.
पहले नंबर पर कनाडा है जो 55 सप्ताह और दूसरे नंबर पर नार्वे है जो 44 सप्ताह की छुट्टी प्रेग्नेंसी के दौरान देता है.
यहां जानने योग्य बात है कि मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 के मुताबिक, देश की हर कामकाजी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की देखरेख के लिए छुट्टी दी जाती है. इन दौरान उन्हें पूरी सैलरी देने का नियम है. यह विधेयक 11 अगस्त, 2016 को राज्यसभा में पारित किया गया था.