नयी दिल्ली : कालधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी मुहिम के इस दौर में एक बार फिर कर्नाटक के कांग्रेसी नेता की डायरी से नेताओं को करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है. करीब एक साल से अधिक समय पहले आयकर अधिकारियों ने कनार्टक में टैक्स नहीं चुकाने वाले नेताओं के यहां छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान कांग्रेस के विधान पार्षद गोविंद राज के यहां छापेमारी के दौरान उन्हें एक ऐसी डायरी हाथ लगी है, जिसमें नेताओं के पैसे देने का जिक्र किया गया है.
हिंदी के अखबार नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार, गोविंद राज के संपर्क सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं हैं. वह दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में भी कई नेताओं से रिश्तों को लेकर भी जाने जाते हैं. वह कर्नाटक ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष भी हैं. आयकर विभाग के सूत्रों ने टाइम्स नाउ को बताया कि डायरी गोविंद राज के बेडरूम में छिपाकर रखी गयी थी. टाइम्स नाऊ को आयकर विभाग की वे फाइलें मिली हैं, जिनमें डायरी भी है. फाइल में दो गवाहों के हस्ताक्षर भी हैं, जिन्होंने माना कि डायरी कांग्रेस नेता के बेडरूम से बरामद की गयी है.
सहारा और बिड़ला ग्रुप के अधिकारियों के पास से मिली डायरियों की तरह ही इस डायरी में भी लोगों के नाम, उनके दफ्तर और कंपनियों का जिक्र है. आशंका जाहिर की जा रही है कि विभिन्न सेवाओं के लिए इन लोगों को पैसे दिये गये हैं. इसमें एक कॉलम में उन लोगों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने उन्हें पैसा दिया. दूसरे कॉलम में उन लोगों के नाम हैं, जिनको कांग्रेस नेता ने पैसे दिये.
इस गुप्त डायरी में 600 करोड़ की रकम विभिन्न लोगों को दिये जाने का जिक्र है. इन संदिग्ध नामों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, एपी, एम वोरा, एसजी ऑफिस, आरजी ऑफिस और डीजीएस प्रमुख हैं. डायरी में एक एंट्री ‘स्टील ब्रिज’ के तौर पर दर्ज है, जिससे 65 करोड़ रुपये मिलने की बात आयी है. डायरी में एक एंट्री 7 करोड़ रुपये की है, जिसे बेंगलुरु नगर निगम चुनाव में मीडिया को देने की बात लिखी हुई है.
अखबार के अनुसार, आयकर विभाग ने 11 फरवरी को गोविंद राज को सवाल-जवाब करने के लिए बुलाया था. उनसे डायरियों में दर्ज नामों के बारे में पूछताछ की गयी. हालांकि, नेता ने दावा किया कि यह उनकी हैंडराइटिंग नहीं है और सिग्नेचर जाली हैं. कांग्रेस ने भी दावा किया है कि डायरी फर्जी है और पार्टी की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया है.
भाजपा ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है. सिर्फ जांच से ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि डायरी में दर्ज नाम किसके हैं? हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि डायरी में दर्ज नाम अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले और पूर्व सीबीआई निदेशक के बीबीएम चैट में दर्ज नामों से मिलते-जुलते हैं.
कांग्रेस ने डायरी की बात को खारिज करते हुए इसे पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार बताया है. कांग्रेस का कहना है कि बिड़ला और सहारा ग्रुप के अफसरों के यहां छापे में कथित तौर पर मिली डायरियों में प्रधानमंत्री मोदी का नाम आने के बाद भाजपा ने यह डैमेज कंट्रोल के तहत यह कदम उठाया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा का विडियो जारी किया था. इसमें दोनों सत्ता में बने रहने के लिए पैसे देने की बात कह रहे थे. इसमें कर्नाटक सरकार के खिलाफ डायरी के जरिए साजिश रचने की बात भी कही गयी थी. दोनों की जांच चल रही है.
सुरजेवाला के अनुसार, साबित हो चुका है कि मोदी सरकार के इशारे पर जांच एजेंसियां फर्जी डायरी का इस्तेमाल कर रही हैं. कांग्रेस के अनुसार, मोदी सरकार झूठ गढ़ने में सारी ऊर्जा खर्च कर रही है. वहीं, भाजपा के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सोनिया गांधी को पूरे मामले पर सफाई देनी चाहिए.