वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर 16 महिलाओं के साथ दुष्कर्म या छेड़छाड़ किया गया. कई आदिवासी महिलाओं का भी यौन उत्पीड़न हुआ.
यह खुलासा शनिवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने नवंबर, 2015 में बीजापुर जिले के पेगदापल्ली, चिन्नागेलुर, पेद्दागेलुर, गुंडम और बर्गीचेरू गांवों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. आयोग ने राज्य की भाजपा सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी किया है. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि इन आदिवासी महिलाओं को अंतरिम आर्थिक सहायत के रूप में 37 लाख रुपये दिये जाने की अनुशंसा क्यों नहीं की जाये.
आयोग ने आठ दुष्कर्म पीड़िताओं को तीन-तीन लाख रुपये, छह यौन प्रताड़ित महिलाओं को दो-दो लाख और दो शारीरिक प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को 50-50 हजार रुपये की अंतरिम आर्थिक सहायता देने कर अनुशंसा की है. हालांकि, राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैंकरा ने कहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले की जांच की जायेगी और इसके लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. आयोग की तरफ से की जा रही जांच के लिए 20 अन्य महिलाओं के बयान दर्ज किये गये जाने हैं, जिनके साथ पुलिसकर्मियों ने दुराचार का प्रयास किया. आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में 34 महिलाओं ने आयोग से शिकायत की.
आयोग ने अपनी जांच के दौरान पाया कि सभी पीड़ित महिलाएं आदिवासी थीं, जबकि केस दर्ज करते वक्त पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट का पालन नहीं किया.