Indigo Flight Cancellation : इंडिगो मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उड़ानें रद्द होने के मामले पर कोर्ट ने कहा कि यह एक संकट है और सरकार बताए कि स्थिति अचानक क्यों बिगड़ी. फंसे हुए यात्रियों को हुई परेशानी के अलावा यह देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का भी सवाल है.
दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के मामले में कहा कि दूसरी विमानन कंपनियां इस स्थिति का फायदा कैसे उठा सकती हैं और टिकट के लिए भारी रकम कैसे वसूल सकती हैं. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि विधिक प्रावधान पूरी तरह लागू हैं. इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है और विमानन कंपनी ने काफी क्षमायाचना की है.
डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ से मांगी रिपोर्ट
इधर, डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ को हालिया उड़ान व्यवधानों से जुड़ी पूरी और ताजा जानकारी गुरुवार दोपहर तीन बजे तक जमा करने का आदेश दिया है.
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दिल्ली हाईकोर्ट कर रहा था एक जनहित याचिका पर सुनवाई
केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से पेश वकील ने यह भी कहा कि यह संकट कई नियमों का पालन करना न करने के कारण पैदा हुआ. इनमें चालक दल के सदस्यों के उड़ान की ड्यूटी के घंटों से संबंधित नियम भी शामिल हैं. कोर्ट इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ान रद्द किए जाने से प्रभावित यात्रियों को सहायता और भुगतान राशि वापस दिलाने के लिए केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
इंडिगो ने बेंगलुरु हवाई अड्डे से 60 से अधिक उड़ानें रद्द कीं
इस बीच, इंडिगो ने बुधवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे से 60 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं जबकि विमानन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने एक दिन पहले दावा किया था कि कंपनी की उड़ानें फिर से पटरी पर आ गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि लाखों ग्राहकों को उनके टिकट का पूरा पैसा लौटाया जा चुका है.

