27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विविधता में एकता ही देश की ताकत, एकता श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव : मोदी

नयी दिल्ली : सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर के दिन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में सिखों की हत्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे इतिहास का एक पीड़ादायक पन्ना बताया. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि विविधता में एकता […]

नयी दिल्ली : सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर के दिन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में सिखों की हत्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे इतिहास का एक पीड़ादायक पन्ना बताया. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि विविधता में एकता ही देश की ताकत है और एकता का मूल-मंत्र ही श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव बनाता है. नरेंद्र मोदी ने कल सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस का जिक्र किया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर भी उनका स्मरण किया.

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पंजाब के जसदीप का संदेश सुनवाया, जिसमें उन्होंने पटेल को लेकर बात की थी. जसमीत का सवाल था कि श्रीमती गांधी की हत्या के बाद जिस तरह की घटनाएं हुई, ऐसी घटनाओं को कैसे रोकें? प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये पीड़ा एक व्यक्ति की नहीं है. एक सरदार, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इतिहास इस बात का गवाह है कि चाणक्य के बाद, देश को एक करने का भगीरथ काम, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया. आजाद हिंदुस्तान को, एक झंडे के नीचे लाने का सफल प्रयास, इतना बड़ा भगीरथ काम जिस महापुरुष ने किया, उस महापुरुष को शत-शत नमन.

उन्होंने कहा कि लेकिन यह भी तो पीड़ा है कि सरदार साहब एकता के लिए जिए, एकता के लिए जूझते रहे, एकता की उनकी प्राथमिकता के कारण, कइयों की नाराजगी के शिकार भी रहे, लेकिन एकता के मार्ग को कभी छोड़ा नहीं. लेकिन, उसी सरदार की जन्म-जयंती पर हजारों सरदारों को, हजारों सरदारों के परिवारों को श्रीमती गांधी की हत्या के बाद मौत के घाट उतार दिया गया. एकता के लिये जीवन-भर जीने वाले उस महापुरुष के जन्मदिन पर ही और सरदार के ही जन्मदिन पर सरदारों के साथ जुल्म, इतिहास का एक पन्ना, हम सब को पीड़ा देता है.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन, इन संकटों के बीच में भी, एकता के मंत्र को ले करके आगे बढ़ना है. विविधता में एकता यही देश की ताकत है. भाषायें अनेक हों, जातियां अनेक हों, पहनावे अनेक हों, खान-पान अनेक हों, लेकिन अनेकता में एकता, ये भारत की ताकत है, भारत की विशेषता है.’ मोदी ने कहा, ‘हर पीढी का एक दायित्व है. हर सरकारों की जिम्मेदारी है कि हम देश के हर कोने में एकता के अवसर खोजें, एकता के तत्व को उभारें. बिखराव वाली सोच, बिखराव वाली प्रवृत्ति से हम भी बचें, देश को भी बचाए. सरदार साहब ने हमें एक भारत दिया, हम सब का दायित्व है श्रेष्ठ भारत बनाना. एकता का मूल-मंत्र ही श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव बनाता है.’

उन्होंने कहा कि सरदार साहब की जीवन यात्रा का प्रारम्भ किसानों के संघर्ष से हुआ था. किसान के बेटे थे. आजादी के आंदोलन को किसानों तक पहुंचाने में सरदार साहब की बहुत बड़ी अहम भूमिका रही. आजादी के आंदोलन को गांव में ताकत का रूप बनाना सरदार साहब का सफल प्रयास था. उनके संगठन शक्ति और कौशल का परिणाम था. लेकिन सरदार साहब सिर्फ संघर्ष के व्यक्ति थे, ऐसा नहीं, वह संरचना के भी व्यक्ति थे. आज कभी-कभी हम बहुत लोग अमूल का नाम सुनते हैं. अमूल के हर उत्पाद से आज हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर भी लोग परिचित हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि सरदार साहब की दिव्यदृष्टि थी.

मोदी ने कहा कि उन्होंने सहकारी दुग्ध उत्पादकों के यूनियन की कल्पना की थी. और खेड़ा जिले, उस समय केरा जिले बोला जाता था, और 1942 में इस विचार को उन्होंने बल दिया था, वो साकार रूप में है और उसका एक जीता-जागता उदाहरण हमारे सामने है. मैं सरदार साहब को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं और इस एकता दिवस पर 31 अक्टूबर को हम जहां हों, सरदार साहब को स्मरण करें, एकता का संकल्प लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें